भारतीय मार्केटिंग और विज्ञापन सेक्टर की हायरिंग वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहने का अनुमान

नई दिल्ली, 26 दिसंबर . भारत में मार्केटिंग और विज्ञापन सेक्टर में इस बार भी हायरिंग वृद्धि दर 9 प्रतिशत पर बनी रहेगी. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

टीमलीज एडटेक की रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, यह वृद्धि डिजिटल विज्ञापन, कंटेंट मार्केटिंग विस्तार और डेटा-संचालित मार्केटिंग रणनीतियों में उछाल के कारण है.

ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते रुझान के कारण टारगेटेड विज्ञापन की मांग बढ़ रही है, जिससे इस सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है.

डिजिटल क्रांति ने खास तौर पर एफएमसीजी, ई-कॉमर्स, ऑटोमोटिव, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रियल एस्टेट और पर्यटन जैसे सेक्टर को प्रभावित किया है, जो अब विज्ञापन खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा है.

इन सभी क्षेत्रों में, कंपनियां मिनिंगफुल कंटेंट के जरिए ब्रांड इंगेजमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. कंपनियां पर्सनलाइज्ड कंज्यूमर एक्सपीरियंस के लिए एनालिटिक्स का भी लाभ उठा रही हैं.

वे लागत प्रभावी डिजिटल प्लेटफॉर्म की बेहतर लक्ष्यीकरण क्षमताओं का उपयोग करने के लिए अपने डिजिटल मार्केटिंग बजट में भी काफी वृद्धि कर रही हैं.

टीमलीज एडटेक के सीओओ और एम्प्लॉयबिलिटी बिजनेस के प्रमुख जयदीप केवलरमानी ने कहा, “हम एक डिजिटल-फर्स्ट दुनिया में रह रहे हैं, जहां उभरते मार्केटिंग स्किल में तेजी से निवेश करने वाले छात्र अभूतपूर्व करियर के अवसर प्राप्त करेंगे.”

उन्होंने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म उपभोक्ता इंटरैक्शन को नया रूप दे रहे हैं. फ्रेशर्स मार्केटिंग एनालिटिक्स से लैस हैं. कंटेंट क्रिएशन और टेक्नोलॉजीकल इनसाइट जैसे सभी फैक्टर ब्रांड की सफलता के लिए नए कैटेलिस्ट बन रहे हैं.”

इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि एसईओ एग्जिक्यूटिव, जो कि वेब विजिबिलिटी रणनीतियों को मैनेज करते हैं, मार्केट रिसर्च असिस्टेंट, जो कि कंज्यूमर का डेटा कलेक्ट करते हैं और मार्केट ट्रेंड को एनालाइज करते हैं, सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट जो कि इंगेजिंग कंटेंट क्रिएट करते हैं और ब्रांड इंटरेक्शन को मैनेज करते हैं, हाई-डिमांड रोल में शामिल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई और बैंगलोर प्रमुख हायरिंग हब के रूप में उभरे, गुरुग्राम और पुणे ने भी हायरिंग को लेकर मध्यम वृद्धि दर्ज करवाई.

एसकेटी/जीकेटी