नई दिल्ली, 22 फरवरी . भारत को ‘मसालों का देश’ कहते हैं. हमारी रसोई की आन,बान और शान हैं ये मसाले. उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम भारत तक इनकी महक फैली हुई है. अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संघ (आईएसओ) की सूची में शामिल 109 में से करीब 75 भारत में ही पैदा किए जाते हैं. हमारे बाद तुर्किए फिर बांग्लादेश का नंबर आता है. मसाले न केवल स्वाद और खुशबू बढ़ाते हैं, बल्कि ये सेहत के लिए भी नेमत हैं. कुछ गरम मसाले ऐसे हैं जिन्हें हम भारतीय सुपर मसाले कहते हैं.
यहां हम आपको पांच ऐसे सुपर मसालों के बारे में बताएंगे, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. साथ ही, इन नायाब मसालों से भोजन भी लजीज बनता है.
जायफल न केवल एक शानदार स्वाद देता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी अच्छा है. जायफल का सेवन नींद की समस्या से राहत दिलाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और गैस, अपच जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है.
दालचीनी न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग होती है, बल्कि इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. यह रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में मदद करती है और दिल की सेहत को भी लाभ पहुंचाती है. इसके सेवन से वजन नियंत्रण में भी मदद मिलती है.
रसोई के दूसरे मसालों पर नजर डालें तो काली मिर्च गुणों की खान है. काली मिर्च को “मसालों का राजा” कहा जाता है. यह मसाला न केवल रसोई का अहम हिस्सा है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है.
काली मिर्च का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों में मसाले के तौर पर किया जाता है. वहीं, इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर भी किया जाता है. काली मिर्च पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करती है. साथ ही, काली मिर्च में मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अगर आपके दांत में दर्द हो रहा है, तो काली मिर्च के इस्तेमाल से राहत मिल सकती है. यह दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है. इसका सेवन करने से वजन कम करने के साथ-साथ त्वचा भी स्वस्थ रहती है. काली मिर्च को भुनी हुई सब्जियों, ग्रिल्ड मीट या तले हुए अंडों पर छिड़ककर स्वाद को भी बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, सूप, सॉस में काली मिर्च का इस्तेमाल किया जा सकता है.
लौंग की बात करें तो इसे चाय और भोजन से लेकर कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. लौंग में हाई मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इसे खास बनाते हैं. नियमित तौर पर लौंग का सेवन करने से यह आपको बैक्टीरिया और वायरस से बचाएगी. यह मसाला मुंह की सेहत के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को खत्म करता है और दांतों के दर्द में राहत पहुंचाता है. इसके अलावा, लौंग से पाचन क्रिया भी बेहतर होती है.
जीरा भारतीय व्यंजनों में प्रमुखता से इस्तेमाल होता है. जीरे का स्वाद और खुशबू किसी भी व्यंजन में चार चांद लगा देती है. इसे दाल, करी, सब्जियों और चटनी के साथ इस्तेमाल किया जाता है. जब जीरा को अन्य मसालों जैसे धनिया, हल्दी, या मिर्च के साथ मिलकर उपयोग किया जाता है, तो यह एक खास ताजगी और मसालेदार स्वाद देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जीरा न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह शरीर के लिए फायदेमंद भी है. यह पाचन क्रिया को सुधारता है और गैस, अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.
भारत विश्व में शीर्ष मसाला उत्पादक है. ये हल्दी, मिर्च और जीरा उत्पादन में अग्रणी है और शायद इसी वजह से हमारे व्यंजनों के स्वाद को बढ़ा देता है.
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एकेएस/केआर