महाकुंभ नगर, 18 जनवरी . तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा महाकुंभ न सिर्फ सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में इसकी ओर संकेत किया था, जब उन्होंने कहा था कि महाकुंभ से दो लाख करोड़ का व्यापार होगा.
तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा महाकुंभ न सिर्फ सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में इसकी ओर संकेत किया था, जब उन्होंने कहा था कि महाकुंभ से दो लाख करोड़ का व्यापार होगा.
विशेषज्ञों की मानें तो 45 दिन तक चलने वाले इस महाआयोजन से उत्तर प्रदेश की जीडीपी में एक प्रतिशत या उससे भी ज्यादा की वृद्धि हो सकती है. यही नहीं, जीएसटी कलेक्शन में भी भारी उछाल देखने को मिलेगा. दुनियाभर से आ रहे श्रद्धालुओं द्वारा किए जा रहे खर्च से मांग बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार में वृद्धि होगी और छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों की जेब में पैसा आएगा. सरकार को भी आयोजन से बड़े पैमाने पर आय होगी, जिसका उपयोग प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा. कुल मिलाकर यह आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल साबित होगा.
देश के मशहूर सीए और अर्थशास्त्री पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, इस बार के महाकुंभ के आंकड़े जो सरकार बता रही है, उसके होने भर से ही नॉमिनल और रियल दोनों जीडीपी के आंकड़ों में एक प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है. देश-विदेश से करीब 45 करोड़ लोग इस महाकुंभ में आएंगे. वो काशी, अयोध्या, चित्रकूट समेत देश के कई हिस्सों में जाएंगे. यदि उनके घर से कुंभ में आने से लेकर घर वापस आने तक का प्रति व्यक्ति औसत खर्च जोड़ लेंगे तो औसत करीब 10 हजार रुपए प्रति व्यक्ति हो सकता है. ऐसे में यदि 45 करोड़ में इस दस हजार प्रति व्यक्ति खर्च का गुणा करेंगे तो यह करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपए होता है. इसे हम दस फीसदी अनुमान रिस्क के नाम पर थोड़ा कम चार लाख करोड़ ही मान लेते हैं तो भी यह अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कमाल का आंकड़ा है. महाकुंभ का अर्थशास्त्र तिमाही के आंकड़ों को तो मजबूत करेगा ही, साथ ही देश के वार्षिक राष्ट्रीय जीडीपी को भी मजबूत करेगा और अर्थव्यवस्था को भी.
पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार, सरकार को महाकुंभ में हुए निवेश से कई गुना रिटर्न आ जाएगा. डबल इंजन की सरकार महाकुंभ के आयोजन पर मिलकर करीब सोलह हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है. अगर इसी को आधार मान लें तो सरकार की ही आय कई गुना हो जाएगी. अगर चार लाख करोड़ पर औसत जीएसटी का संग्रह निकालें तो यह करीब 50 हजार करोड़ के आसपास होगा. इस खर्च पर जो लोगों को आय होगी उस पर आयकर तथा अन्य सुविधाओं के अप्रत्यक्ष कर जोड़ दें तो यह आंकड़ा एक लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा, मतलब कई गुना आय तो सरकार को ही होगी. सारे विश्लेषण और आंकड़े बताते हैं कि किताबी आंकड़े भले ही कुछ कहें, महाकुंभ के बाद अगली तिमाही में अर्थ अमृत का प्रसाद मिलने वाला है. तिमाही आंकड़े के साथ शेयर बाजार भी नृत्य करेगा.
प्रयागराज के प्रख्यात सीए अनिल गुप्ता के अनुसार महाकुंभ के भावनात्मक पहलू के साथ ही आर्थिक पहलू भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. सरकार ने इस बार महाकुंभ को लेकर जो निवेश किया है, उससे बड़े पैमाने पर रेवेन्यू भी जेनरेट होगा. रेलवे, ट्रांसपोर्ट, इलेक्ट्रिसिटी समेत महाकुंभ मेले में रेंट पर जो भूमि आवंटित की गई है, इन सभी से व्यापक रेवेन्यू जनरेट होगा. इन सभी को मिलाकर देखें तो जीएसटी और समस्त इंफ्रास्ट्रक्चर से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये आय की संभावना है. इस आय को सरकार जब इंफ्रास्ट्रक्चर में डालेगी तो निश्चित रूप से इसका असर इकॉनमी पर भी देखने को मिलेगा.
उन्होंने बताया कि जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया से लोग आ रहे हैं, इससे टूरिज्म को बहुत बल मिलेगा. अगर सिर्फ प्रयागराज की ही बात करें तो पहले यहां 5 स्टार, 7 स्टार होटल नहीं थे, अब सारे स्थापित हो रहे हैं. निश्चित रूप से इन सभी फैक्टर्स से जीडीपी में एक प्रतिशत की ग्रोथ आराम से हो जाएगी. जहां तक जीएसटी की बात है तो यह प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश को मिलाकर देखें तो दिसंबर, जनवरी और फरवरी में इसके तीन गुना तक बढ़ने की संभावना है.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन वाणिज्य फैकल्टी एवं वित्त अधिकारी डॉ. एके सिंघल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने महाकुंभ को भव्य बनाने में कोई कमी नहीं रखी है. इसका प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश की इकॉनमी पर जबरदस्त असर देखने को मिलेगा. देश-विदेश से आ रहे करोड़ों लोग यहां आकर पैसा खर्च करेंगे. चाहे ट्रांसपोर्ट हों, लोकल वेंडर्स हों, शहर के दुकानदार हों, रिक्शा वाले हों, टैक्सी वाले हों, नाव वाले हों, इनकी आमदनी बढ़ेगी. मेरे अनुमान के अनुसार लगभग 40 से 50 हजार करोड़ रुपए आएगा. यही नहीं, सरकार ने जितना खर्च किया है, उसका 10 गुना तक लाभ हो सकता है. सरकार को जो पैसा मिलेगा वो विकास में खर्च होगा. ‘सबका साथ, सबका विकास’ को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जीडीपी में एक प्रतिशत या इससे ज्यादा की भी वृद्धि हो सकती है. इलाहाबाद समेत अयोध्या, चित्रकूट, वाराणसी, विंध्याचल सभी जगह लोग जा रहे हैं, इसका लाभ भी प्रदेश को मिलेगा. उत्तर प्रदेश को जीएसटी से होने वाले लाभ की बात करें तो इसमें भी बड़ा बूम दिखेगा. सरकार को जो आमदनी होगी, उसका उपयोग प्रदेश के विकास में होगा. लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, मांग बढ़ेगी, उत्पादन ज्यादा होगा.
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एबीएम/एएस