राजसमंद. जिले के काश्तकारों को पहले बेमौसम बारिश ने मारा और अब बढ़ता तापमान परेशानी का सबब बन गया है. पिछले माह अधिकतम तापमान में 10.6 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई है. इसके कारण फसलें समय से पहले पककर तैयार हो रही है. इससे उत्पादन और क्वालिटी प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जिले में इस बार रबी की फसल 50198 हेक्टेयर में बुवाई हुई है. बुवाई के बाद जनवरी के अंत में शीतलहर और ओलावृष्टि के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा. इसके बाद फरवरी में ही अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री पहुंचने के कारण फसलें समय से पहले पककर तैयार हो रही है. तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण फसलों में नमी सूखने लगी है.
इसके कारण इसका दाना छोटा रहने और क्वालिटी भी प्रभावित होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरेंं दिखाई दे रही है. कृषि विभाग के जानकारों के अनुसार इससे फसलों में 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान माना जा रहा है. सब्जियों की स्थिति तो इससे भी बुरी है. ओलावृष्टि और शीतलहर के चलते 70-80 प्रतिशत सब्जियों की फसल पहले ही खराब हो चुकी है. इसके कारण आगामी दिनों में सब्जियों के भाव में उछाल आने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
गत वर्षों की तुलना में इस बार तापमान में समय से पहले हुई बढ़ोतरी के कारण गेहूं की फसल काफी प्रभावित होगी. खेतों की नमी सूखने व तापमान में बढ़ोतरी से गेहूं की फसल जल्द पककर तैयार हो जाएगी और दाने भी ठीक से विकसित नहीं हो पाएंगे. बढ़ते तापमान की वजह से फसल उत्पादन प्रभावित हो सकती है.