Mumbai , 23 जुलाई . महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर जारी बहस के बीच शिवसेना प्रवक्ता सुशीबेन शाह ने राज्यपाल के बयान का समर्थन किया है. प्रदेश के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हमें अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए और हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए.
शिवसेना प्रवक्ता सुशीबेन शाह ने से बातचीत के दौरान कहा कि राज्यपाल के विचार सराहनीय हैं. देश के सात से आठ राज्यों में हिंदी बोली जाती है और करीब 42 प्रतिशत भारतीय नागरिक हिंदी बोलते हैं. महाराष्ट्र के छात्रों और उनके परिवारों को यह विकल्प मिलना चाहिए कि वे हिंदी सीखना चाहें तो सीख सकें. भाषा को थोपना नहीं चाहिए, बल्कि यह एक वैकल्पिक अवसर होना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि मराठी हमारा स्वाभिमान है, हमारी शान है. Chief Minister एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ही मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिला. महाराष्ट्र का गीत हर कार्यक्रम की शुरुआत में गाया जाता है, यह हमारे संस्कार का हिस्सा है. मराठी सभी को सीखनी चाहिए, लेकिन हिंसा इसका समाधान नहीं है. भारत एक लोकतांत्रिक देश है, हर नागरिक को कहीं भी जाने और बसने का अधिकार है.
त्रिभाषा फॉर्मूले पर राजनीति को लेकर सुशीबेन शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उद्धव ठाकरे Chief Minister थे, तब त्रिभाषा फॉर्मूला लागू किया गया था. इसे कैबिनेट में मंजूरी भी मिली थी और उसी दौरान आदित्य ठाकरे ने आईएएस अधिकारियों का हवाला देते हुए इंग्लिश सीखने की बात कही थी. अब मराठी भाषा को लेकर चुनावी राजनीति की जा रही है. शिवसेना मराठी का सम्मान करती है, लेकिन भाषा को लेकर द्वेष फैलाना उचित नहीं. मराठी और हिंदुत्व दोनों हमारे अस्तित्व का अभिन्न हिस्सा हैं.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान क्यूआर कोड व्यवस्था लागू किए जाने का सुशीबेन शाह ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. इससे लंबे सफर पर निकले कांवड़ियों की पहचान संभव होगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था अमरनाथ यात्रा में भी लागू होनी चाहिए ताकि श्रद्धालुओं की संख्या, स्थिति और सुरक्षा की बेहतर निगरानी हो सके.
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एएसएच/जीकेटी