सरकार को इजरायल से संबंध खत्म कर ईरान और फिलिस्तीन का समर्थन करना चाहिए : मौलाना कौसर हयात खान

मुरादाबाद, 23 जून . इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने Monday को पत्रकारों से बातचीत में इजरायल-ईरान युद्ध और केंद्र की विदेश नीति पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने Government द्वारा युद्धग्रस्त ईरान से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के कदम की सराहना की, लेकिन इजरायल में काम कर रहे भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी व्यक्त की.

मौलाना ने कहा, “जब इजरायल में हालात खराब हैं और भयंकर बमबारी हो रही है, तो India Government ने वहां पांच हजार से अधिक श्रमिक क्यों भेजे? उत्तर प्रदेश Government ने भी खास तौर पर श्रमिकों को वहां भेजा है. उनकी सुरक्षा की चिंता क्यों नहीं की जा रही? इजरायल में मौजूद सभी भारतीयों को तुरंत वापस लाना चाहिए.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि India Government को युद्धग्रस्त क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए.

इजरायल की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हुए मौलाना ने कहा, “इजरायल कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और विश्व समुदाय की अपीलों की अनदेखी कर रहा है. वह मानवता के खिलाफ अपराध कर रहा है. बच्चे, महिलाएं और भूखे लोग जो खाने की कतार में खड़े हैं, उन पर बमबारी की जा रही है. यह अमानवीय है.”

उन्होंने इजरायल को “आतंकवाद का प्रतीक” करार देते हुए कहा कि India Government को इजरायल से सभी संबंध खत्म करने चाहिए और उसकी हर तरह की मदद बंद करनी चाहिए.

मौलाना ने India Government से ईरान और फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन करने की मांग की.

उन्होंने कहा, “India के ईरान के साथ पुराने और मजबूत संबंध रहे हैं. इन संबंधों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. India को गाजा और फिलिस्तीन में हो रहे नरसंहार के खिलाफ खुलकर बोलना चाहिए और इजरायल की निंदा करनी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि खाड़ी देश दवाइयां भेजकर मानवीय मदद कर रहे हैं, लेकिन इजरायल के खिलाफ ठोस कदम उठाने में अमेरिका का दबाव कई देशों को खुलकर बोलने से रोक रहा है.

मौलाना ने ईरान-इजरायल युद्ध पर विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने Samajwadi Party (सपा) की आलोचना करते हुए कहा, “सपा को 80 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय का समर्थन प्राप्त है, लेकिन वह इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल रही. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा मुस्लिमों की आवाज नहीं उठा रही और उनकी अनदेखी कर रही है. मैं सपा से अपील करता हूं कि वह ईमानदारी से अपना रुख स्पष्ट करे.”

वहीं, कांग्रेस की तारीफ करते हुए मौलाना ने कहा कि सोनिया गांधी ने ईरान और फिलिस्तीन के समर्थन में खुलकर रुख अपनाया है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने India की पुरानी नीति का पालन किया है, जो हमेशा से ईरान और फिलिस्तीन के साथ खड़ी रही है. यह सही दिशा में उठाया गया कदम है.”

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस का यह कदम केवल India की पारंपरिक विदेश नीति का हिस्सा है, न कि मुस्लिम समुदाय के लिए उठाया गया कदम.

मौलाना ने इस युद्ध के वैश्विक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “यह युद्ध केवल मुस्लिमों तक सीमित नहीं है. इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. इजरायल की कार्रवाइयां विश्व शांति के लिए खतरा हैं.”

उन्होंने केंद्र Government से अपील की कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इजरायल के खिलाफ सख्त रुख अपनाए और मानवता के पक्ष में खड़े होकर फिलिस्तीन और ईरान का समर्थन करे.

एसएचके/एकेजे