जीएसटी सुधारों के जरिए सरकार ने वैश्विक निवेशकों को दिया मजबूत संकेत, व्यापार में आसानी को मिलेगा बढ़ावा : यूएसआईबीसी

New Delhi, 7 सितंबर . GST सुधार एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे आसान, पारदर्शी और अधिक किफायती टैक्स सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा. यह बयान यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) की ओर से दिया गया.

यूएसआईबीसी ने बयान में कहा कि वह इन सुधारों को आगे बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने और अधिक समावेशी और टिकाऊ आर्थिक भविष्य में योगदान देने के लिए India Government और उसके हितधारकों के साथ अपनी साझेदारी जारी रखने के लिए तैयार है.

social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी किए बयान में काउंसिल ने कहा, “इस तरह के दूरदर्शी सुधार न केवल India में कारोबारी माहौल में सुधार लाते हैं, बल्कि वैश्विक निवेशकों को भी एक मजबूत संकेत देते हैं. “

यूएसआईबीसी ने हाल के कर सुधारों के लिए Prime Minister Narendra Modi, GST परिषद और वित्त मंत्रालय की सराहना की.

यूएसआईबीसी ने आगे कहा, “हम India में उपभोग बढ़ाने और व्यापार सुगमता में सुधार के लिए Government के प्रयासों की सराहना करते हैं. खाद्य, स्वास्थ्य सेवा, जीवन रक्षक दवाओं, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादों पर GST में कमी से न केवल उपभोक्ताओं की पहुंच और सामर्थ्य में सुधार होगा और व्यवसायों को लाभ होगा, बल्कि India के विकास को भी बल मिलेगा.”

GST के युक्तिकरण से 22 सितंबर से दोहरे स्लैब की संरचना में बदलाव आएगा. 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत का GST स्लैब वर्तमान 4-स्तरीय संरचना की जगह लेगा, साथ ही विलासिता और हानिकारक वस्तुओं (ज्यादातर नशीले पदार्थों) के लिए 40 प्रतिशत टैक्स लागू होगा.

क्रिसिल इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, GST दरों में कमी के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय उद्योग जगत का राजस्व 6-7 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है. इन कटौती का उपभोग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो कॉर्पोरेट राजस्व का 15 प्रतिशत है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कटौती का समय भी उपयुक्त है, क्योंकि यह वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हो रहा है, और India में त्योहारों और विवाह के मौसम के साथ मेल खाता है, जब खपत आमतौर पर प्रतिवर्ष चरम पर होती है.

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