सरकार ने वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भी नागरिकों को सस्ती और निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की : हरदीप पुरी

New Delhi, 18 जुलाई . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कोविड-19 महामारी और वैश्विक भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी चुनौतियों के बीच भारत न केवल बाधाओं से प्रभावी ढंग से निपट रहा है, बल्कि ऊर्जा विकास में एक ग्लोबल लीडर के रूप में भी उभरा है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, कच्चे तेल की खपत में वैश्विक वृद्धि में भारत का योगदान 16 प्रतिशत रहा है और अगले तीन दशकों में इस वृद्धि में 25 प्रतिशत योगदान देने का अनुमान है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भी नागरिकों को सस्ती और निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की है.

केंद्रीय मंत्री पुरी ने हाल ही में आयोजित ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) कॉन्क्लेव के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए देश भर के पेट्रोलियम डीलरों से भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया.

एनर्जी इकोसिस्टम में पेट्रोलियम डीलरों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने डीलर कमीशन, परिचालन लागत और अन्य मुद्दों से जुड़ी चिंताओं को स्वीकार किया.

केंद्रीय मंत्री ने भारत के गतिशील ऊर्जा परिदृश्य के अनुरूप हरित पहलों को अपनाने, डिजिटल तत्परता बढ़ाने और व्यावसायिक मॉडल विकसित करने के महत्व पर जोर दिया.

जैव ईंधन क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि 2025 तक लगभग 20 प्रतिशत इथेनॉल मिक्स का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जो 2014 के 1.53 प्रतिशत से शानदार वृद्धि है. इस उपलब्धि के परिणामस्वरूप 1.4 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, 238 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन हुआ है, सीओटू उत्सर्जन में 717 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है और किसानों को 1.21 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान हुआ है.

उन्होंने 2014 में 738 सीएनजी स्टेशनों से बढ़कर आज 8,100 से अधिक हो जाने और पीएमयूवाई के तहत 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार का भी हवाला दिया.

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