गोधरा, 17 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ 2002 में गुजरात के गोधरा कांड के बारे में खुलकर बात की. पीएम मोदी ने उस समय के विपक्ष पर झूठ फैलाने और सरकार की छवि को खराब करने का आरोप लगाया. गोधरा कांड के समय के फायर अधिकारी विनय शर्मा और गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने न्यूज एजेंसी से उस समय के हालात के बारे में चर्चा की.
गोधरा कांड में काफी लोगों की जान बचाने वाले उस समय के गोधरा पालिका के फायर विभाग के अधिकारी विनय शर्मा सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे. उन्होंने बताया, “ट्रेन के कोच के अंदर बहुत भंयकर आग थी, अंदर जाना काफी मुश्किल था, लेकिन मैंने थोड़ी हिम्मत करके अंदर जाने का प्रयास किया. अंदर लोग बहुत बुरी तरह से जल गए थे और कुछ लोग जल रहे थे.”
उन्होंने बताया, “हादसे के बाद कुछ लोगों ने पत्थरबाजी करके कुछ दूरी पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को रुकवा दिया था. फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंचने के कारण कुछ लोग ज्यादा जल गए. अगर हम समय से पहुंच जाते तो शायद कुछ की जान बच जाती. पुलिस को दिए बयान में मैंने पूरी बात बताई थी. घटना से कुछ समय पहले मामूली शिकायत के लिए गाड़ी का पंप तुड़वा दिया गया था. वहीं, दूसरी गाड़ी में जो परेशानी थी, उसे हम लोगों ने सुबह करीब 7.30 बजे ठीक कर दिया था, जैसे उसे ठीक किया तो हमें आग की सूचना मिली.”
गोधरा के सीनियर एडवोकेट पीयूष गांधी ने बताया, “गुजरात और पूरे भारत में राम जन्मभूमि आंदोलन तेज हो रहा था. उसके लिए सभी माला जपते थे. इसी बीच गुजरात से कारसेवकों की टीम अयोध्या गई और वहां पर स्नान किया. बाद में वापस आते समय विधर्मी लोग हादसे वाली जगह के पास एक मस्जिद में इकट्ठे हुए और प्लान बनाया. पेट्रोल छिड़ककर लोगों ने आग लगा दी, जिसमें 60 लोगों की जलकर मौत हो गई.”
पीयूष गांधी ने आगे बताया, “यह साजिश इसलिए की गई क्योंकि लोग राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग नहीं लें. यह पूरी तरह से साजिश थी, क्योंकि घटना के बाद कुछ लोगों द्वारा आग बुझाने वाली गाड़ियों को भी रोका गया. बाद में कोर्ट ने भी इसे साजिश बताया.”
बता दें कि पीएम मोदी के अमेरिकी पॉडकास्टर के साथ गोधरा कांड के जिक्र के बाद, इस घटना की याद फिर से ताजा हो गई. पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा था कि 27 फरवरी 2002 को उनकी सरकार (उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे) बजट पेश करने वाली थी, तभी गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली. यह एक बहुत गंभीर घटना थी, लोगों को जिंदा जला दिया गया. इस घटना को लेकर झूठ फैलाया गया और “मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई”.
पीएम मोदी ने बताया कि 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद से 2025 तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई.
उन्होंने बताया, “मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना. मेरी सरकार 27 फरवरी 2002 को बजट पेश करने वाली थी और उसी दिन हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली. यह बहुत गंभीर घटना थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया था. आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी. जो कहते थे कि यह बहुत बड़ा दंगा है, यह भ्रम फैलाया गया है. साल 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे. साल 1969 के दंगे करीब 6 महीने तक चले थे. तब तो हम दुनिया के किसी मानचित्र पर नहीं थे. उस समय विपक्ष सत्ता में था और उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की. उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया. आरोपियों को सजा मिल चुकी है. 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई.”
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एससीएच/जीकेटी