बिहार : छपरा की खुशबू बनीं स्वच्छता की मिसाल, 10 लाख पैकेट सैनिटरी पैड बांटकर महिलाओं को दी नई दिशा

छपरा, 16 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन से प्रेरित होकर बिहार के सारण जिले की खुशबू ठाकुर द्वारा महिलाओं के लिए किया गया कार्य समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है. उन्होंने न केवल एक सफल महिला उद्यमी के रूप में खुद को स्थापित किया है, बल्कि लाखों महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूक कर एक नई दिशा दी है.

फीएम फाउंडेशन के तहत खुशबू ठाकुर ने साल 2021 में भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के सहयोग और मार्गदर्शन में छपरा के जलालपुर में एक लघु उद्योग की शुरुआत की, जहां सैनिटरी पैड निर्माण की मशीनें स्थापित की गईं. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस परियोजना का उद्घाटन किया था. खुशबू ने इस उद्योग के माध्यम से स्थानीय चार-पांच महिलाओं को रोजगार से जोड़ा और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता का बीड़ा उठाया. खुशबू ठाकुर ने अब तक 10 लाख से अधिक सैनिटरी पैड निःशुल्क वितरित किए हैं. वह खुद गांव-गांव, स्कूलों और मोहल्लों में जाकर महिलाओं और छात्राओं से संवाद करती हैं और माहवारी पर खुलकर बात करती हैं.

शुरुआत में जब वह इस विषय पर चर्चा करती थीं, तो गांव की महिलाएं शर्माती थीं और पैड लेने से भी हिचकिचाती थीं. लेकिन आज खुशबू लोकप्रिय चेहरा बन चुकी हैं. लगभग चार वर्षों की मेहनत और सामाजिक विरोध का सामना करते हुए, खुशबू ने न सिर्फ लोगों की सोच बदली, बल्कि माहवारी स्वच्छता के प्रति जन-जन को जागरूक किया. उन्होंने महिलाओं को पुराने और गंदे कपड़ों की जगह साफ और सुरक्षित सैनिटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया, जिससे संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके.

खुशबू ठाकुर ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन अभियान के तहत वह पिछले साढ़े चार वर्षों से सैनिटरी पैड वितरण का कार्य कर रही हैं. इस दौरान हमने ग्रामीण इलाकों में 10 लाख से अधिक पैकेट वितरित किए हैं. उन्होंने कहा, “जब मैंने यह काम शुरू किया था, तब की स्थिति और आज की स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर है. मैं सारण की पहली महिला हूं, जिसने इस क्षेत्र में काम शुरू किया और मुझे इस बात पर गर्व है. शुरुआत में लोग इस विषय पर बात करने से शर्माते थे. स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का भी इस कार्य में बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने जलालपुर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने में सहयोग किया.”

उन्होंने कहा कि शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लोग गंदे-गंदे कमेंट करते थे, कहते थे कि वह महिलाओं को बिगाड़ने आई हैं, उनके पास कोई और काम नहीं है. जब वह गांवों में जाती थीं, तो महिलाएं बाहर नहीं निकलती थीं. कुछ लोग अजीब-अजीब टिप्पणियां करते थे. इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल होता था, जिन्हें बयां नहीं कर सकते. कई बार रात में घर पर रो लेती थीं.

खुशबू ने कहा कि आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. अब एक पिता उनके पास आकर कहते हैं कि ‘मेरी बेटी के लिए पैड का पैकेट दे दीजिए’. कई युवा अपनी मां के लिए पैड मांगने आते हैं. यह देखकर बहुत गर्व होता है.

उन्होंने कहा, “मैंने 2021 में यह काम शुरू किया था और अब तक 10 लाख से अधिक पैकेट मुफ्त में वितरित किए जा चुके हैं. इसका श्रेय सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिनके विचारों से प्रेरित होकर मैंने यह काम शुरू किया. साथ ही, स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी इसका श्रेय जाता है.”

पीएसके/एकेजे