पीएम मोदी के जन्मदिन पर लॉन्च हुई ‘द फोर अटेम्प्ट्स ऑन नरेंद्र मोदीज लाइफ’ किताब, जानें क्या बोले लेखक?

नई दिल्ली, 17 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन के मौके पर मंगलवार को नई दिल्ली में ‘द फोर अटेम्प्टस ऑन नरेंद्र मोदीज लाइफ’ किताब लॉन्च की गई. इस अवसर पर किताब के लेखक विनय कुमार सिंह ने से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस किताब में चार हमलों का जिक्र किया गया है, और उनकी पूरी कहानी बयां की गई है.

लेखक विनय कुमार सिंह ने कहा, “आतंकवाद और नक्सलवाद का स्वरूप बदल रहा है. सबसे चिंता वाली बात है कि राहुल गांधी विदेशी दौरों पर जाते हैं और वहां कास्ट समेत अन्य मुद्दों पर बात करते हैं. उनके क्रियाकलाप नक्सलियों के डॉक्यूमेंट्स से मिल रहे हैं. इसका जिक्र भी किताब में भी किया गया है.”

उन्होंने कहा, “शाहबानो केस राजनीति से प्रेरित था, ऐसे मामलों से समाज और पीड़ित बनता है, तथा वह दूसरे समाज से भी कट जाता है. समाज का भला तभी होता है, जब सरकार सचेत होती है और हर एक घर तक पहुंचती है. मुझे लगता है कि इस समय जो सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही है, वह बिना भेदभाव के काम कर रही है. यही असली विकास होता है.”

लेखक विनय कुमार सिंह ने आईएएनस से कहा, “दो तरह के आतंकवाद के फॉर्मेट हैं, एक बुलेट आतंकवाद है और एक इंटेलेक्चुअल आतंकवाद है. इशरत जहां केस में भी बुलेट आतंकवाद का काम किया गया था. पटना और बरेली में तो पीएम को मारने की कोशिश की गई थी. पटना केस में फैसला आ गया है, कई लोगों को फांसी की सजा दी गई थी, जिसे अब उम्रकैद में बदल दिया गया है. इतना ही नहीं, साल 2022 में अहमदाबाद कोर्ट का जो जजमेंट आया था, उससे भी साफ है कि प्रधानमंत्री को मारने की कोशिश की गई थी.”

वहीं, किताब लॉन्च इवेंट में पहुंचे जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. प्रवेश कुमार ने कहा, “जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से ये मैसेज जाना चाहिए कि जेएनयू हिंदुत्व के साथ है, अगर मैं हिंदुत्व की बात करता हूं तो मैं अहिंसा और शांति की बात करता हूं.”

उन्होंने कहा, “आज जो किताब लॉन्च की गई है, वह नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित है, जो यह बताती है कि नरेंद्र मोदी पर जो चार अटेम्प्ट किए गए वह झूठे थे. एक प्रोपेगेंडा था, उसके तहत किए गए थे. कुछ लोगों के द्वारा बार-बार प्रयास किया गया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब की जाए. हमने इस किताब के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया है कि ऐसा नहीं है, वह सभी फेक नरेटिव हैं और इसके बारे में सभी को जानना चाहिए.”

एफएम/एकेजे