New Delhi , 28 जुलाई . पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन यादव उर्फ पप्पू यादव ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में 22 लाख मृत वोटरों सहित 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू की, जिसे वे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं.
Monday को से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने कहा कि छह महीने पहले तक चुनाव आयोग को 22 लाख मृत वोटरों की जानकारी नहीं थी, फिर इतनी जल्दी इतनी बड़ी संख्या में मृतकों की पहचान कैसे हुई? उन्होंने इस प्रक्रिया को संदिग्ध बताते हुए ‘दाल में कुछ काला’ होने का इशारा किया.
उन्होंने चुनाव आयोग की ओर से वोटरों के नाम काटे जाने की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी बताई. उनका कहना है कि बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में या पलायन करने वाले मतदाताओं से संपर्क नहीं किया, और बिना सत्यापन के फॉर्म भरे गए. पप्पू यादव ने कहा कि 28 जुलाई को Supreme court में इस मामले की सुनवाई होनी है, और यह लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र रास्ता है.
सांसद का दावा है कि एसआईआर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में ‘पिछले दरवाजे’ से सेटिंग का हिस्सा हो सकती है. उन्होंने मांग की कि 92 प्रतिशत मतदाताओं की ओर से जमा किए गए फॉर्मों के हस्ताक्षरों की जांच हो, क्योंकि कई जगहों पर मतदाताओं को बिना उनकी सहमति के फॉर्म भरे जाने की शिकायतें हैं.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में होने वाली चर्चा को लेकर उन्होंने Government पर Politicalरण का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पर पूरे देश को गर्व है, और विपक्ष इसका सम्मान करता है. लेकिन Government को सेना की उपलब्धियों को Political लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पप्पू यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूरे विपक्ष की मांग को दोहराया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में होने वाली चर्चा में Prime Minister Narendra Modi को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहकर जवाब देना चाहिए. विपक्ष चाहता है कि Government इस मुद्दे पर पारदर्शी और स्पष्ट जवाब दे.
तेज प्रताप यादव के निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान पर पप्पू यादव ने कहा कि मैं न तो तेज प्रताप का प्रवक्ता हूं और न ही किसी भी तरह से उनसे जुड़ा हूं. हर व्यक्ति चुनाव लड़ने या पार्टी बनाने के लिए स्वतंत्र है. विचारधाराएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन भाजपा का विरोध करने वाले पूरी तरह से इंडिया ब्लॉक के साथ हैं. तेज प्रताप एक व्यक्ति के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं; कुछ लोग भावनाओं में बहकर उन्हें वोट दे सकते हैं, क्योंकि वह लालू यादव के बेटे हैं, लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस बार गरीबों, वंचितों, और पिछड़े-अति पिछड़ों ने मन बना लिया है कि इस बार इंडिया ब्लॉक की Government बनानी है.
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डीकेएम/केआर