लखनऊ, 23 फरवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्षों के प्रभु श्रीरामलला के वनवास के कालखंड को समाप्त कर अयोध्या धाम में अपनी दूरदर्शिता, वचनबद्धता और कर कमलों से प्रभु को विराजमान कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी आए हैं. अयोध्या धाम के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व प्रयास से संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिंदू मंदिर बना है. गत सप्ताह ही उसका लोकार्पण कर पीएम काशी में पधारे हैं. काशी मंदिरों का ही शहर है. अब काशी की आभा वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक रूप से बुलंद हो रही है. अबूधाबी में बना मंदिर भी इसका नया उदाहरण है. पीएम का दुनिया की सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी काशी में ऐसे समय में आगमन हो रहा है, इसलिए सबसे प्राचीन सांस्कृतिक नगरी में काशीवासियों की तरफ से उनका जोरदार अभिनंदन करता हूं. उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आयोजित सांसद खेलकूद, सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण को संबोधित किया. सीएम ने कहा कि काशी सर्व विद्या की राजधानी होगी.
सीएम ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में आध्यात्मिक व सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए काशी नए कलेवर के रूप में दुनिया के सामने आई है. कल रात्रि 11 बजे भी अपने लोकप्रिय सांसद के रूप में सड़क पर अपने संसदीय क्षेत्र काशी में रहकर प्रधानमंत्री को आप सभी ने विकास कार्यों का अवलोकन करते देखा होगा. रात्रि 11 बजे जब दुनिया सोती है, तब प्रधानमंत्री जी जगकर आपके हित में कार्य कर रहे थे. यह बताता है कि राजनेता कैसे जनमानस का विश्वास अर्जित कर सकता है.
प्रधानमंत्री ने विकास के साथ काशी को नया रूप और हर तबके को मंच भी दिया. पहली बार देश के जनप्रतिनिधियों के सामने सांसद खेलकूद, सांसद सांस्कृतिक, संस्कृत वेद व फोटोग्राफी की भी प्रतियोगिता के माध्यम से उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किया.
सीएम योगी ने कहा कि यह प्रेरणादायी अवसर है. अमूमन जनप्रतिनिधि का मतलब विकास के लिए प्रयास करना होता है, लेकिन प्रधानमंत्री का नियमित रूप से सांसद के रूप में काशी से जुड़ाव है. वे काशीवासियों के हितों के लिए कार्य करते हुए यहां की पुरातन आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा प्रदान कर रहे हैं. ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से समाज के अलग-अलग तबके के लोगों को जोड़कर कार्यक्रमों को नया स्वरूप प्रदान कर रहे हैं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सभागार में श्रद्धेय मालवीय जी की विरासत को याद किया जा रहा है.
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