सरकार की दूरगामी नीतियों और फ्यूचरिस्टिक विजन का एक प्रभावी दस्तावेज होगा पहला बजट : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

नई दिल्ली, 27 जून . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ ही तीसरे कार्यकाल के दौरान भविष्य की कार्य योजना के बारे में भी जानकारी दी.

राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट की रूपरेखा के बारे में बोलते हुए कहा, “आगामी सत्र में मेरी सरकार अपने इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. ये बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और फ्यूचरिस्टिक विजन का एक प्रभावी दस्तावेज होगा.”

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, “इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक निर्णयों के साथ ही अनेक ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे. भारत के तेज विकास की जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधार की गति अब और तेज की जाएगी. मेरी सरकार का मत है कि दुनियाभर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो. यही कॉम्पिटिटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की सच्ची स्पिरिट है. राज्य के विकास से देश का विकास, इसी भावना के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे.”

राष्ट्रपति ने नवगठित 18वीं लोकसभा को ऐतिहासिक लोकसभा बताते हुए अपने अभिभाषण के दौरान यह भी कहा, “18वीं लोकसभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोकसभा है. ये लोकसभा अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में गठित हुई है. ये लोकसभा, देश के संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी. मुझे विश्वास है कि इस लोकसभा में जन कल्याण के फैसलों का नवीन अध्याय लिखा जाएगा.”

इससे पहले उन्होंने 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देते हुए कहा, “मैं 18वीं लोकसभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे पूरा विश्वास है, आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे, 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे. मैं ओम बिरला जी को लोकसभा के अध्यक्ष की गौरवपूर्ण भूमिका के निर्वहन के लिए शुभकामनाएं देती हूं. उनके पास सार्वजनिक जीवन का बहुत व्यापक अनुभव है. मुझे विश्वास है कि वे लोकतांत्रिक परंपराओं को अपने कौशल से नई ऊंचाई देने में सफल होंगे.”

एसटीपी/एबीएम