लॉर्ड्स, 6 जनवरी . दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया तीसरे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में आमने-सामने होंगे. ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में भारत को हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में 3-1 से सीरीज़ जीतने के साथ ही फ़ाइनल में जगह बनाई. यह मुक़ाबला 11 से 15 जून के बीच लॉर्ड्स में खेला जाएगा.
ऑस्ट्रेलिया के पास इस चक्र में अभी दो और मैच बचे हैं, जो इस महीने के अंत में श्रीलंका के ख़िलाफ़ श्रीलंका में होंगे. लेकिन अगर वे 0-2 से हार भी जाते हैं, तब भी भारत या श्रीलंका में से कोई भी टीम उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप टेबल के शीर्ष दो स्थानों से नहीं हटा सकेगी. अगर श्रीलंका 2-0 से यह सीरीज़ जीतता है, तो वह 53.85 प्रतिशत अंकों तक पहुंच सकता है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया वर्तमान में 63.73 प्रतिशत अंक पर है और वह अगले दो मैच हार भी गया तो 57.02 प्रतिशत अंक पर रहेगा. वहीं भारत इस डब्ल्यूटीसी चक्र को 50 प्रतिशत अंकों के साथ समाप्त कर चुका है. ऑस्ट्रेलिया के लिए फ़ाइनल में जगह गंवाने का एकमात्र रास्ता यह है कि वे श्रीलंका में होने वाले दोनों मैचों में आठ पेनल्टी प्वाइंट गंवाएं, जो लगभग असंभव है.
दक्षिण अफ़्रीका फ़ाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी थी. उन्होंने वेस्टइंडीज़, बांग्लादेश (2008 के बाद एशिया में पहली सीरीज़ जीत) और श्रीलंका के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीती, जबकि भारत के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ ड्रॉ रही और न्यूज़ीलैंड में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जहां उन्होंने कमज़ोर टीम के साथ दौरा किया था. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में जगह बनाना दक्षिण अफ़्रीका के लिए सपनों की तरह रहा, जो इस साल की शुरुआत में पुरुष और महिला टी20 वर्ल्ड कप में उपविजेता भी रहे थे.
दक्षिण अफ़्रीका के कप्तान तेम्बा बवुमा ने पिछले हफ़्ते फ़ाइनल में क्वालिफ़ाई करने के बाद कहा, “यह सभी के लिए एक बड़ी मेहनत का परिणाम है, और ऐसा लगता है कि पिछले 12 महीनों की कड़ी मेहनत रंग लाई है. अलग-अलग मौक़ों पर अलग-अलग खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया है. मैं हमारे कोच शुकरी कॉनराड का विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने हमारे अंदर जो विश्वास भरा है, वह हमारी सफलता की कुंजी रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल खेलना किसी भी क्रिकेटर के लिए सपने के सच होने जैसा है. यह एक बड़ा अवसर है, और हम इसे पूरी तरह जीने के लिए उत्साहित हैं.”
वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान कमिंस ने कहा, “हमारे लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की बहुत अहमियत हैं. यह एक ऐसी ट्रॉफ़ी है, जिसे हम गर्व से देखते हैं. साथ ही इस ख़िताब की रक्षा करने के लिए हम बहुत उत्साहित हैं. मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन टूर्नामेंट है क्योंकि इसमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है और अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग टीमों के ख़िलाफ़ खेलना होता है. हम फ़ाइनल खेलने के लिए काफ़ी उत्साहित हैं.”
यह पहली बार है जब भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में नहीं पहुंचा है. इससे पहले के दो संस्करणों में वह न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उपविजेता रहा था.
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आरआर/