लखनऊ, 26 नवंबर . संभल में बीते रविवार (24 नवंबर) को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मामले में अब यूपी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बयान दिया है. उन्होंने इस घटना को दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई बताया है.
यूपी सरकार में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने मंगलवार को से खास बातचीत में कहा, “जो दंगा कराएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. ये जगजाहिर है कि संभल में दो पक्षों के वर्चस्व की लड़ाई है, जो अभी भी जारी है. इसमें एक पक्ष सांसद का और एक विधायक का है और दोनों ही सपा के नेता हैं, जिस तरीके से सांसद और विधायक समर्थकों ने अपने वर्चस्व की लड़ाई को जारी रखते हुए माहौल को खराब करने का काम किया और दंगा कराया है. इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई की है और इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गई है. इतना ही नहीं, लगातार सपा के कार्यकर्ता, समर्थक और नेता अपने हित के लिए आम जनता को दंगों की आग में झुलसाने का प्रयास करते हैं. अगर ये प्रयास योगी आदित्यनाथ की सरकार में करेंगे तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.”
नितिन अग्रवाल ने आगे कहा, “संभल में दो गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. एक बड़ा है तो दूसरा छोटा है और इसी का नतीजा है, जो संभल में देखने को मिला है. फिलहाल संभल में हालात कंट्रोल में हैं और प्रशासन ने सख्ती के साथ काम किया है. जो भी लोग इस हिंसा के दोषी हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा गया है.”
आबकारी मंत्री ने रामगोपाल यादव के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “संसद में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जो फैक्ट्स है वो जनता के सामने हैं. मुख्य आरोपी सपा के विधायक और सांसद हैं, जिन्होंने संभल में दंगा कराने का काम किया है.”
नितिन अग्रवाल ने सपा के डेलिगेशन पर रोक लगाए जाने पर कहा, “संभल प्रशासन ने बाहरी व्यक्ति की एंट्री पर रोक लगाई है. मेरा मानना है कि कानून से बढ़कर कोई भी नहीं है. अगर प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद कोई भी वहां जाने का प्रयास करता है तो इसका मतलब है वो भड़काने का प्रयास कर रहा है.”
उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, “बड़ी ताज्जुब की बात है कि राहुल गांधी जिस संविधान की किताब को अपने हाथ में लेकर घूम रहे हैं, उसी संविधान में सबसे अधिक संशोधन करने का काम इंदिरा गांधी ने किया है. राहुल गांधी को इतिहास पढ़ना चाहिए.”
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एफएम/एएस