कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर शहीदों के परिजनों को सम्मान

नई दिल्ली, 14 जून . कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय सेना ने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों के बलिदान को सम्मान देने के लिए एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है.

इस पहल के तहत सेना के जवान शहीदों के परिजनों से मिलकर उन्हें सम्मानित करेंगे और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे.

इस कार्यक्रम के तहत एक विशेष सेना प्रतिनिधिमंडल देश भर में शहीदों के पैतृक स्थानों का दौरा करेगा. प्रतिनिधिमंडल में एक अधिकारी, एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) और तीन अन्य रैंक के जवान शामिल हैं.

यह टीम शहीदों के परिजनों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित करेगी. प्रत्येक परिवार को एक स्मृति चिह्न और जनरल ऑफिसर कमांडिंग की ओर से आभार का एक पत्र सौंपा जाएगा. भारतीय सेना और राष्ट्र अपने वीर सैनिकों की यादों को हमेशा संजोए रखेगा.

इसी कड़ी में 13 जून को कैप्टन आशुतोष तोमर के नेतृत्व में सेना की एक टीम ने केरल के कन्नूर में शहीद कैप्टन के.सी. प्रीतम कुमार (141 फील्ड रेजिमेंट) की मां प्रमिला बालाकृष्णन के घर का दौरा किया.

टीम ने उन्हें स्मृति चिह्न और आभार पत्र भेंट किया. इस भावनात्मक मुलाकात में शहीद के बलिदान को याद करते हुए परिवार के प्रति सम्मान और समर्थन व्यक्त किया गया.

साल 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस और बलिदान के साथ देश की रक्षा की थी. इस आउटरीच कार्यक्रम के जरिए सेना न केवल शहीदों के परिजनों के साथ अपनी संवेदनाएं साझा कर रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा.

कारगिल दिवस, 26 जुलाई, देश के लिए गौरव का दिन है, जो 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की वीरता और बलिदान को याद करता है. इस युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था.

‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारतीय सैनिकों ने दुर्गम परिस्थितियों में लड़कर इन क्षेत्रों को वापस लिया. इस जीत में 527 सैनिक शहीद हुए. कारगिल दिवस शहीदों को श्रद्धांजलि देने और देशभक्ति की भावना को प्रेरित करने का अवसर है. यह दिन सैनिकों के साहस और एकता का प्रतीक है.

एसएचके/एकेजे