‘2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं होने का तथ्य गलत, भ्रामक खबरों से बचें लोग’

New Delhi, 17 जून . कई social media पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र Government की 2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं है. Monday रात केंद्र Government के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने इसे भ्रामक और गलत बताया.

पीआईबी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “Government ने पहले ही घोषणा कर दी है कि 2027 की जनगणना के साथ ही जाति गणना भी की जाएगी. सतर्क रहें और ऑनलाइन प्रसारित होने वाली असत्यापित सामग्री पर विश्वास न करें. सटीक जानकारी के लिए हमेशा प्रामाणिक स्रोतों पर भरोसा करें.”

दरअसल, केंद्र Government ने Monday को जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. राजपत्र में बताया गया है कि जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, Himachal Pradesh और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से देश के बाकी हिस्सों में शुरू होगा.

अधिसूचना में कहा गया है, “…India की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी.”

अधिसूचना में कहा गया है, “उक्त जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा Himachal Pradesh एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी. संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के लिए और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा Himachal Pradesh एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए संदर्भ तारीख अक्टूबर 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी.”

हाल ही में हुई एक कैबिनेट बैठक में केंद्र Government ने जाति आधारित जनगणना को मंजूरी दी थी, ताकि Government बेहतर नीतियां बना सके और लक्षित लोगों को उनका लाभ पहुंचाने में आसानी हो.

एससीएच/एकेजे