रायपुर, 15 फरवरी . केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और छात्र तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के जरिये उनका मनोबल बढ़ाया है. इस बार प्रधानमंत्री के साथ खेल, अध्यात्म, सिनेमा जगत और दूसरे क्षेत्रों के दिग्गज भी छात्रों को टिप्स दे रहे हैं. छात्रों का मानना है कि पीएम मोदी ने सिर्फ परीक्षा से संबंधित उनके सवालों के जवाब ही नहीं दिए, बल्कि उन्हें सफलता और असफलता के बीच की कड़ी के बारे में भी समझाया.
पीएम मोदी के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में शामिल हुई रायपुर की 11वीं की छात्रा युक्तामुखी साहू ने समाचार एजेंसी से अपने अनुभव साझा किए.
रायपुर के रामनगर की छात्रा ने बताया कि पीएम मोदी के साथ मिलकर काफी अच्छा लगा. वह हमारे साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार कर रहे थे. हमारे सभी प्रश्नों को सुन रहे थे और अपने अनुभव के आधार पर सवालों के जवाब दे रहे थे.
युक्तामुखी ने कहा कि परीक्षा को लेकर डर था, लेकिन पीएम मोदी के साथ मुलाकात और वहां का जो माहौल था, उससे सब डर गायब हो गया. पीएम मोदी के साथ मुलाकात करने के बारे में कभी सोचा नहीं था. लेकिन, जब मेरा सिलेक्शन हुआ तो बहुत खुशी हुई. पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद जब मैं घर लौटी हूं तो यहां पर सभी लोग मेरे बारे में चर्चा कर रहे हैं. सभी पीएम मोदी के साथ मेरी मुलाकात के बारे में पूछ रहे हैं. मैंने सभी से कहा कि मुझे पीएम मोदी के साथ मुलाकात कर अच्छा लगा है.
‘परीक्षा पे चर्चा’ के महत्व पर छात्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत जरूरी है. बच्चे जब अपने मन का सवाल एक एक्सपर्ट के सामने रख पाते हैं जो उन्हें उनके अनुभव से जवाब मिलता है. सवाल का जवाब मिलने के साथ यह भी पता चलता है कि क्या करना है, क्या नहीं करना है.
युक्तामुखी ने कहा कि वह जल्द ही निगेटिव हो जाती हैं. पीएम मोदी ने उनके सवाल पर पूछा कि ऐसा क्यों. इस पर छात्रा ने कहा कि उसने 10वीं में 95 प्रतिशत अंक लाने का टारगेट रखा था, लेकिन 93 प्रतिशत ही आए. इस पर उसे निराशा हुई थी.
युक्तामुखी ने से कहा, “पीएम मोदी ने मेरे सवाल पर कहा कि इसे असफलता नहीं मानते, यह एक प्रकार की सफलता ही है. यह बहुत अच्छी बात है कि आपने क्षमता से दो प्रतिशत ज्यादा टारगेट रखा था. लेकिन, 95 प्रतिशत लाना है तो 98 प्रतिशत का टारगेट रखना पड़ेगा.”
छात्रा के पिता गुलाबचंद साहू ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम छात्रों के लिए बहुत जरूरी है. परीक्षा के दौरान बच्चों के साथ अभिभावकों में डर रहता है. लेकिन, इस कार्यक्रम से छात्रों के मन में चल रहे सवालों के जवाब मिलते हैं और वे अच्छा महसूस करते हैं. इस कार्यक्रम से छात्रों का तनाव भी दूर होता है और जब पीएम मोदी बच्चों से संवाद करते हैं तो इसका असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है.
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डीकेएम/एकेजे