कलकत्ता हाईकोर्ट में स्कूल में नौकरी के बदले नकदी मामले की सुनवाई पूरी, पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा

कोलकाता, 20 मार्च . कलकत्ता हाईकोर्ट में बुधवार को स्कूल में नौकरी के बदले नकदी मामले की सुनवाई पूरी हो गई. हालांकि, विशेष खंडपीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है.

न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के आखिर में न्यायमूर्ति बसाक ने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में कुछ भी अच्छा निकालना मुश्किल है. रिक्त पदों से ज्यादा नियुक्तियां की गई हैं और उन अतिरिक्त नियुक्तियों को समाप्त किया जाना चाहिए.

सुनवाई के आखिरी दिन गैरकानूनी तरीके से नौकरी से वंचित अभ्यर्थियों की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य पेश हुए.

उन्होंने दलील दी कि यह एक सुनियोजित साजिश और अपराध था, जहां वित्तीय कारणों से अयोग्य लोगों के लिए जगह बनाने के लिए रिक्त पदों से अधिक भर्तियां की गईं.

उन्होंने आगे कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में जनता का पैसा बर्बाद किया गया. साजिश में शामिल राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. कलकत्ता हाईकोर्ट को इस मामले में एक अनुकरणीय कदम उठाने की जरूरत है. अन्यथा ऐसा भ्रष्टाचार दोबारा होगा. अपराधियों को अपने भ्रष्ट कार्यों को जारी रखने की खुली छूट मिल जाएगी.

दूसरी तरफ, जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति सवालों के घेरे में है, उनके वकील ने सुनवाई के आखिरी दिन इस मामले में सीबीआई और ईडी की जांच की दक्षता पर संदेह जताया.

वकील ने दलील दी कि मामले में इन दोनों एजेंसियों की जांच के निष्कर्ष भरोसेमंद नहीं हैं. अदालत को इस मामले में अपने स्वतंत्र मूल्यांकन पर भरोसा करना चाहिए.

वकील के इस तर्क पर न्यायमूर्ति बसाक ने एक जवाबी सवाल उठाया कि अदालत जांच एजेंसियों के अलावा और किस पर निर्भर करेगी.

कोर्ट ने अभ्यर्थियों को अपनी ओएमआर शीट जांचने का मौका भी दिया. इसके बाद सुनवाई पूरी हो गई और डिवीजन बेंच ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया.

एफजेड/एबीएम