नोएडा, 26 जुलाई . नोएडा में अब अदाणी इलेक्ट्रिसिटी Mumbai लिमिटेड की तर्ज पर विद्युत ढांचे को मजबूत करने की योजना बनाई जाएगी. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी में आज सीईओ के सामने प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया.
26 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के समक्ष एक महत्वपूर्ण प्रस्तुतिकरण आयोजित किया गया, जिसमें अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एस.के.) एवं महाप्रबंधक (विद्युत/योजना) ने Mumbai महानगर स्थित अडानी इलेक्ट्रिसिटी Mumbai लिमिटेड (एईएमएल) के विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के अध्ययन के लिए किए गए दौरे की जानकारी साझा की. प्रस्तुतिकरण के दौरान यह बताया गया कि एईएमएल के मॉडल से प्रेरित होकर अब नोएडा में भी विद्युत ढांचे के सशक्तीकरण की योजना बनाई जा रही है. इस क्रम में सीईओ महोदय ने कई दिशा-निर्देश जारी किए जिनका उद्देश्य शहर की बिजली व्यवस्था को और अधिक आधुनिक, सुरक्षित और निर्बाध बनाना है.
सीईओ ने निर्देश दिए कि भविष्य में नोएडा क्षेत्र में 220/132/33 केवी के विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) पद्धति पर किया जाए. इन उपकेंद्रों में एससीएडीए (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) सिस्टम को भी शामिल किया जाएगा, जिससे विद्युत फॉल्ट की संभावनाएं घटेंगी और भूमि की भी बचत होगी. इसके साथ ही उपकेंद्र अधिक दक्षता के साथ कार्य कर सकेंगे.
सीईओ ने यह भी निर्देश दिए कि नोएडा क्षेत्र में पहले से मौजूद 33 केवी और 11 केवी की ऊपर से गुजरने वाली विद्युत लाइनों को आवश्यकता आवश्यकतानुसार चरणबद्ध तरीके से भूमिगत किया जाए, ताकि नागरिकों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिल सके और सौंदर्यीकरण में भी सुधार हो. संपूर्ण विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण के लिए पारंपरिक डबल पोल स्ट्रक्चर की बजाय अब रिंग मैन यूनिट (आरएमयू) और स्ट्रेट थ्रू ज्वाइंट (एसटीजे) तकनीकों के उपयोग पर बल दिया गया है. इससे न केवल बिजली आपूर्ति प्रणाली बेहतर होगी, बल्कि मरम्मत और रखरखाव में भी सुविधा होगी.
सीईओ ने यह भी निर्देशित किया कि आगामी एक वर्ष के भीतर 33 केवी और 11 केवी की अधिकतर ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को भूमिगत करने का कार्य पूरा किया जाए. साथ ही, अन्य सेक्टरों की एचटी/एलटी लाइनों का भी परीक्षण कर उन्हें इसी तकनीक से भूमिगत करने के प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं.
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पीकेटी/एएस