देहरादून, 29 अगस्त . सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थल विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब के कपाट बंद करने की तिथि घोषित कर दी गई है. इस साल 11 अक्टूबर को दोपहर एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
गुरुद्वारा हेमकुंड ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 20 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. अभी तक 2 लाख 27 हजार 500 श्रद्धालुओं ने हेमकुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका है.
इस वर्ष कपाट खुलने के समय से ही हेमकुंड में भारी बर्फबारी थी. वहीं, सेना के जवानों ने बर्फ के बीच से श्रद्धालुओं के लिए रास्ता बनाया था. अभी तक यहां मौसम खराब ही चल रहा है. हालांकि, अब यहां बर्फ जमा नहीं है, लेकिन बारिश का दौर जारी है.
नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि बारिश कम होने के बाद अब गोविंदघाट से घांघरिया तक एक बार फिर से हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू हो गई है. तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रुद्रप्रयाग में एक गुरुद्वारा और धर्मशाला का निमार्ण किया जा रहा है.
हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर इन दिनों ब्रह्मकमल खिले हुए हैं. हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के लिए यह फूल आकर्षण का केंद्र बने हैं. राज्य पुष्प ब्रह्मकमल 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खिलता है. ब्रह्मकमल हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से हेमकुंड साहिब तक जगह-जगह पर खिला हुआ है.
जुलाई से सितंबर के बीच खिलने वाला ब्रह्मकमल धार्मिक महत्व का पुष्प है. नंदा अष्टमी मेले के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र से ब्रह्मकमल को लाकर नंदा को अर्पित किया जाता है. हेमकुंड यात्रा मार्ग पर ब्रह्मकमल के साथ अन्य प्रजाति के फूल भी खिले हुए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र की खूबसूरती और भी निखर रही है.
–
स्मिता