रुद्रप्रयाग, 3 मई . उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के रक्षक यानी क्षेत्रपाल भूकुंड भैरव नाथ के कपाट शनिवार को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के बाद खुल गए हैं. केदारनाथ के कपाट एक दिन पहले, 2 मई को खोले गए थे.
लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार, केदारनाथ के कपाट खुलने के तुरंत बाद आने वाले पहले मंगलवार या शनिवार (जो भी पहले आए) को भैरव नाथ के कपाट खोले जाते हैं. इसके बाद केदारनाथ धाम में होने वाली आरतियों के साथ ही प्रसिद्ध संध्या आरती भी शुरू हो जाती है.
भैरव नाथ को केदारनाथ का रक्षक कहा जाता है. भगवान शिव के भक्तों में भैरव नाथ सबसे शक्तिशाली हैं. शनिवार को भैरव नाथ के कपाट खोलते समय केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग और हक-हकूकधारियों और पुजारियों की मौजूदगी में यज्ञ-हवन, पूजा-अर्चना की गई और भैरव नाथ के पश्वा पर देवता अवतरित हुए तथा यात्रा की कुशलता का सभी को आशीर्वाद दिया.
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे. कपाट खुलने के बाद पहले ही दिन (शुक्रवार को) दर्शनों को लेकर श्रद्धालुओं का भारी उत्साह देखने को मिला. पहले दिन रिकॉर्ड 30,154 तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम सात बजे तक 19,196 पुरुष, 10,597 महिलाएं और 361 बच्चों सहित कुल 30,154 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
केदारनाथ धाम, चारधाम यात्रा का अहम हिस्सा है. हर वर्ष यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आकर बाबा केदार के दर्शन करते हैं. इस वर्ष यात्रा के पहले ही दिन से श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.
इससे पहले, अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 30 अप्रैल को 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे थे. अब रविवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाएंगे.
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एफजेड/एकेजे