जोधपुर में बनेगा देश का पहला वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो : डीआरएम अनुराग त्रिपाठी

जोधपुर, 3 जून . जोधपुर रेलवे मंडल देश का पहला वंदे भारत ट्रेन मेंटेनेंस डिपो स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है. जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि यह डिपो भगत की कोठी में 167 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. यह 600 मीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसमें तीन रेल लाइनें होंगी, जिससे एक साथ तीन वंदे भारत ट्रेनों का रखरखाव संभव होगा. यह डिपो इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा और पूरे देश की वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव का केंद्र बनेगा.

डीआरएम त्रिपाठी ने बताया कि वंदे भारत, भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, की संख्या देशभर में बढ़ रही है. अभी तक इनका रखरखाव पुराने डिपो में ही हो रहा है, लेकिन जोधपुर में बन रहा यह विशेष डिपो अव्यवस्थाओं को दूर करेगा. यह अपने आप में अनूठा है और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. देश में चार अन्य वंदे भारत डिपो भी बनाए जा रहे हैं, लेकिन जोधपुर का डिपो सबसे पहले तैयार होगा.

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के साथ-साथ, 200 करोड़ रुपये की लागत से एक नई वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जाएगा. इस वर्कशॉप का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है और जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. यह वर्कशॉप डिपो के पास ही होगी, जहां कर्मचारियों को वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

डीआरएम ने कहा कि नए डिपो और वर्कशॉप के लिए कर्मचारियों की भर्ती रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से होगी, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यह न केवल रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि वंदे भारत ट्रेनों की सेवा गुणवत्ता और विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा. आधुनिक तकनीकों से युक्त यह डिपो ट्रेनों के रखरखाव को और कुशल बनाएगा.

डीआरएम ने बताया कि इस परियोजना से जोधपुर रेलवे मंडल का महत्व और बढ़ेगा, और यह देश की रेल सेवाओं में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. इस डिपो और वर्कशॉप के निर्माण से जोधपुर रेलवे के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र के रूप में उभरेगा.

एसएचके/एएस