जो देश, सनातन, राम और हिंदू के खिलाफ बोलता हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है : आचार्य प्रमोद कृष्णम (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 2 मई . कांग्रेस से निलंबित और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि यह जो कांग्रेस है वह कांग्रेस नहीं रही है, जो पहले कांग्रेस थी. आज जो हम कांग्रेस को देख रहे हैं, यह कांग्रेस का विकृत और बिगड़ा स्वरूप है. कांग्रेस की जब स्थापना हुई थी तो ‘देश भक्ति, राष्ट्रप्रेम, बलिदान, त्याग, तपस्या, राष्ट्रीय एकता, रघुपति राघव राजा राम, वंदे मातरम, भारत माता की जय’, ये सब कांग्रेस की पहचान थे. आज कांग्रेसी होने का मतलब है कि जो देश के खिलाफ बोलता हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो सनातन का विरोध करता है, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो हिंदू नाम से चिढ़ता है, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. जो राम के खिलाफ हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है.

उन्होंने आगे कहा कि जो अयोध्या का विरोधी हो, उसे कांग्रेसी समझा जाता है. तो, यह कांग्रेस के बारे में जो लोगों का विचार बदला है, इसकी जिम्मेदारी किसकी है? इसके लिए पिछले 15 सालों की जो सत्ता है, जो 2004 से लेकर 2014 तक 10 साल और उससे पहले यह जो वातावरण बदला है और यह जो 10 साल में कांग्रेस के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को गाली दे देकर, भारत माता को गाली दे देकर, भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे लगा कर, यह कांग्रेस का जो परसेप्शन बनाया, यह एक दिन में नहीं बना. यह लगभग 20 सालों में बना है और इन 20 सालों में कांग्रेस कहां से कहां पहुंच गई. कांग्रेस भारत की जनता के दिलों में रहती थी और आज कांग्रेसी होने का मतलब है, देश विरोधी होना. कांग्रेसी होने का मतलब है, हिंदू विरोधी होना. कांग्रेस में जो हिंदू विरोध की बात करेगा, जो सनातन के खिलाफ बोलेगा, उसे आगे बढ़ाया जाएगा. जो भारत के खिलाफ बात करेगा, उसे आगे बढ़ाया जाएगा.

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का भाव ही भारत के विरोध में हो गया है. इसलिए, जो भारत का विरोध करेगा, उससे वह मित्रता करना चाहेंगे. चाहे वो दुनिया में कहीं भी रहता हो. इसलिए, विदेश में जाकर भारत की बदनामी करना, विदेश में जाकर कहते हैं कि भारत में मुसलमान डरा हुआ है, विदेश में जाकर कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र नहीं है.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर भारत में लोकतंत्र मर गया होता तो क्या आप हर रोज प्रधानमंत्री को गाली दे रहे होते. मैं अभी अबू धाबी दुबई से होकर आया हूं. वहां हुकूमत के खिलाफ, सुल्तान के खिलाफ, एक शब्द नहीं बोल सकता है कोई, अगर कोई ऐसा करता है तो उसे जेल में डाल दिया जाएगा. दुनिया भर में भारत से अच्छा लोकतंत्र कहीं नहीं है. रोज आप प्रधानमंत्री को गाली देते हैं, रोज आप प्रधानमंत्री को कोसते हैं, पानी पी-पी के कोसते हैं. सारे मिलकर कोसते हैं.

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