नई दिल्ली, 29 अप्रैल . भारत मंडपम में आयोजित ‘युग्म कॉन्क्लेव’ में हिस्सा लेने देश के अलग-अलग आईआईएम और आईआईटी से आए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है. भारत का यह सपना कुछ ही वर्षों में पूरा होने जा रहा है.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए प्रोफेसर पवन शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने आज एक मूलमंत्र दिया कि हमारे पास समय कम है और लक्ष्य बड़े हैं. हमें एआई का इस्तेमाल भारत में नए आयाम स्थापित करने के लिए करना चाहिए.
उन्होंने कहा, “एआई की मदद से समाज में मौजूद समस्याओं का निवारण किया जाना चाहिए. पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरे भारत ने 2047 तक विकसित देश बनने का संकल्प लिया है. सरकार के विजन को लेकर जिस तरह से तेजी से काम किए जा रहे हैं, इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह जाता कि हम इस लक्ष्य को तय समय पर प्राप्त कर सकेंगे.”
प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा, “क्यूएस रैंकिंग में हमारे भारत के विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर आगे आ रहे हैं. आज बड़े संस्थानों जैसे आईआईटी में रिसर्च के दम पर खुद के इनोवेटिव प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे हैं. रिसर्च को प्रोडक्ट में कन्वर्ट करने के साथ कॉरपोरेट्स सरकार का सहयोग कर सकते हैं और विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दे सकते हैं.”
टेक्नोलॉजी को लेकर डॉ. भीमराव मैत्री ने कहा कि अभी तक भारत टेक्नोलॉजी को दूसरे देशों से कंज्यूम करता था. कहने का मतलब है कि हमारे पास अपनी कोई टेक्नोलॉजी नहीं थी. हम इसे दूसरे देशों से आयात करते थे. अब भारत टेक्नोलॉजी को प्रोड्यूस करने वाला देश बनेगा. भारत से दूसरे देशों में देश की टेक्नोलॉजी जाएगी.
प्रोफेसर टीवी कट्टीमनी ने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री ने इनोवेशन और शिक्षा को लेकर बातें की. उन्होंने लैब से फैक्ट्री तक जाने के सफर के साथ युवाओं को रोजगार प्रदान किए जाने की बात की. आज के कार्यक्रम में एक जमीनी स्तर की बात कही गई कि बच्चों को डिग्री और रैंक नहीं, बल्कि रोजगार देने से देश का विकास होगा. हम आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की कही बातों से काफी प्रोत्साहित हुए हैं.
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एसकेटी/एबीएम