दिल्ली में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों-उपमुख्यमंत्रियों का सम्मेलन रविवार को, सुशासन और उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों पर होगा मंथन

नई दिल्ली, 24 मई . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल होंगे. यह मंथन सुशासन और विभिन्न राज्यों में अपनाई गई श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों पर केंद्रित होगा.

इस अहम बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस विचार-विमर्श में भाग लेंगे.

भाजपा सुशासन विभाग के प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे के अनुसार, कॉन्क्लेव में न केवल एनडीए शासित विभिन्न राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और शासन संबंधी नवाचारों को प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, बल्कि दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे.

पहले प्रस्ताव में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों के खिलाफ भारत की हालिया सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल निष्पादन के लिए भारतीय सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री की सराहना की जाएगी. दूसरे प्रस्ताव में आगामी राष्ट्रीय जनगणना के दौरान जाति जनगणना करने के केंद्र सरकार के फैसले पर बधाई दी जाएगी, जिसे राजनीतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

बैठक का एक महत्वपूर्ण भाग विभिन्न एनडीए शासित राज्यों में अपनाई गई श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों पर चर्चा को समर्पित होगा. सभी राज्य अपने-अपने मॉडल और नवाचारों की प्रस्तुति देंगे, जिससे अन्य राज्य भी उनसे प्रेरणा ले सकें. इस सम्मेलन में केंद्र में लगातार तीसरी बार बनी एनडीए सरकार की पहली वर्षगांठ, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ और ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ की 50वीं वर्षगांठ (1975 में लगी आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ) जैसे आगामी कार्यक्रमों की तैयारियों पर भी विचार किया जाएगा.

विनय सहस्रबुद्धे ने बताया कि यह बैठक न केवल सरकारों की उपलब्धियों को साझा करने का मंच है, बल्कि भावी योजनाओं के समन्वय के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है. हम सुशासन के नए मानक स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में यह सम्मेलन भारत में जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.

पीएसके/एकेजे