संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के लिए कमेटी के पास नहीं है फंड

शिमला, 22 अक्टूबर . हिमाचल प्रदेश के संजौली में स्थित अवैध मस्जिद को तोड़े जाने के मामले ने मंगलवार को नया रूप ले लिया. संजौली मस्जिद कमेटी ने कहा है कि उसके पास मस्जिद तोड़ने के लिए फंड नहीं है.

संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मस्जिद बनाने के लिए सब आ जाते हैं और जब तोड़ने की बात आई, तो कोई भी इसके लिए पैसा देने को तैयार नहीं है. मस्जिद को तोड़ने के लिए फंडिंग नहीं होने तक डिमोलिशन का काम बंद रहेगा.

मोहम्मद लतीफ ने कहा, “क्राउड फंडिग के जरिए पैसे को जुटाया जा रहा है. अभी सिर्फ टीन से बनी छत का ठेका दिया गया है, सीमेंट के स्ट्रक्चर के लिए मिस्त्री को अलग से ठेका दिया जाएगा.”

वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति ने मस्जिद कमेटी के बयान पर कहा कि मस्जिद का अवैध हिस्सा हटाने को लेकर लीपापोती की जा रही है. अगर फंड की कमी है, तो हम इस मामले को कोर्ट में रखेंगे, क्योंकि कोर्ट ने ही अवैध हिस्से को हटाने का आदेश दिया है.

इस बीच, संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास मदद मांगने के लिए कमेटी के लोग आएंगे, तो हम उनकी मदद करेंगे.

बता दें कि सोमवार को संजौली मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने का काम शुरू हुआ था. मस्जिद की छत से मजदूरों ने टीन की शेड को हटाया था.

शिमला नगर निगम के कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को मस्जिद की तीन मंजिलें गिराने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि दो माह के अंदर संजौली मस्जिद कमेटी को अवैध हिस्सा तोड़ना होगा.

इसके बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से मस्जिद को तोड़ने की परमिशन मांगी थी. वक्फ बोर्ड से सोमवार को संजौली मस्जिद को तोड़ने की इजाजत दी गई, इसके बाद अवैध हिस्से को गिराने का काम शुरू किया गया था.

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