हैदराबाद, 30 मार्च . तेलंगाना मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा से मुलाकात की.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें तेलुगु नववर्ष उगादी की बधाई दी.
यह बैठक एक घंटे तक चली. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के साथ प्रस्तावित मंत्रिमंडल फेरबदल पर चर्चा की.
इस अवसर पर पर्यावरण एवं वन मंत्री कोंडा सुरेखा, सांसद अनिल कुमार यादव, मुख्यमंत्री के सलाहकार वेम नरेन्द्र रेड्डी तथा अन्य उपस्थित थे.
बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल फेरबदल 4 अप्रैल के बाद होने की संभावना है. चूंकि संसद सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, इसलिए विस्तार उससे पहले होने की संभावना नहीं है.
पिछले सप्ताह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दे दी थी. हालांकि, संभावित मंत्रियों के बारे में रिपोर्ट आने के बाद पार्टी के भीतर कुछ वर्गों में जोरदार लॉबिंग शुरू हो गई.
अनुसूचित जाति समुदाय मडिगा के विधायकों ने कांग्रेस की तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराजन को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें प्राथमिकता देने की मांग की है.
वे कथित तौर पर इस बात से खुश नहीं हैं कि चेन्नूर के विधायक जी. विवेक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद जी. वेंकटस्वामी के बेटे विवेक माला समुदाय से आते हैं.
इसी तरह, नेताओं का एक वर्ग मुनुगोड़े विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को मंत्रिमंडल में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहा है, क्योंकि उनके भाई कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी पहले से ही मंत्री हैं. कुछ विधायक रेड्डी समुदाय से एक और मंत्री बनाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं.
कांग्रेस नेतृत्व ने तीन-चार मंत्रियों को शामिल करने का फैसला किया है. रेड्डी, एससी और बीसी समुदायों के लिए एक-एक कैबिनेट सीट की संभावना है.
सरकार के सचेतक आदि श्रीनिवास को पिछड़ी जातियों से एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. चूंकि मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम प्रतिनिधित्व नहीं है, इसलिए कांग्रेस द्वारा समुदाय से किसी को शामिल किए जाने की संभावना है.
सीएम रेवंत रेड्डी और उनके 11 कैबिनेट सहयोगियों ने 7 दिसंबर 2023 को शपथ ली. राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं.
मंत्रिमंडल में जगह पाने के कई इच्छुक लोग एक साल से भी अधिक समय से विस्तार का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही थीं और मुख्यमंत्री कई बार दिल्ली भी गए थे, लेकिन नेतृत्व ने इस मुद्दे को लंबित रखा.
119 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के 65 विधायक हैं. पिछले साल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 विधायक भी सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए थे.
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एकेएस/एकेजे