राजस्थान के मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की बैठक में जल एवं ऊर्जा सुरक्षा पर केंद्र से और अधिक सहयोग मांगा

नई दिल्ली, 24 मई . राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शनिवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक में भाग लिया. उन्होंने राज्य का महत्वाकांक्षी ‘विकसित राजस्थान-2047’ विजन दस्तावेज प्रस्तुत किया, जिसमें आर्थिक समृद्धि, सतत विकास और समावेशी विकास हासिल करने के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा दी गई है.

सीएम शर्मा ने राज्य में जल और ऊर्जा सुरक्षा के बिंदुओं पर केंद्र सरकार से और अधिक सहयोग का अनुरोध किया, जिसमें राजस्थान के विकास के लिए इनके महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला गया. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान सरकार 2047 तक राज्य को विकसित क्षेत्र में बदलने के लिए कई मोर्चों पर तेजी से प्रगति कर रही है.

उन्होंने केंद्र से राजस्थान के 115 गीगावाट बिजली उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 40 गीगावाट ऊर्जा की निकासी की योजना बनाने का भी आग्रह किया. शर्मा ने राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी प्रोत्साहन योजना 2025 पर भी बात की, जिसमें पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग में अनुसंधान एवं विकास के लिए दो करोड़ रुपए का अनुदान और सर्कुलर इकोनॉमी प्रथाओं में शामिल एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए ऋण योजनाओं में अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत ब्याज रियायत शामिल है.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही राजस्थान वाहन स्क्रैपेज नीति पेश की जाएगी. केंद्र सरकार से विशिष्ट मांग करते हुए, मुख्यमंत्री ने पौंग बांध की भराव क्षमता का पूरा उपयोग करने का आह्वान किया, जिससे भागीदार राज्यों को अपने हिस्से का पूरा पानी मिल सकेगा. उन्होंने 51.5 किलोमीटर लंबी फिरोजपुर फीडर नहर की लाइनिंग के लिए शीघ्र मंजूरी का अनुरोध किया और केंद्र से कालीसिंध और छबड़ा थर्मल पावर प्लांट में अतिरिक्त इकाइयों की स्थापना की अनुमति देने का आग्रह किया.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कोयला स्रोतों से राज्य की दूरी के कारण अपने राज्य में 3,200 मेगावाट की नई थर्मल इकाई स्थापित करने की भी वकालत की और उत्तरी कोलफील्ड्स से 20 लाख टन कोयला आवंटित करने का अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सीएम ने रामजल सेतु लिंक परियोजना और यमुना जल समझौते जैसी प्रमुख जल परियोजनाओं के लिए केंद्र के समर्थन की सराहना की और कहा कि ये दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. निवेश आकर्षित करने में राज्य की सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल के पहले वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की मेजबानी की, जिसने 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए. इनमें से 3.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं पहले ही जमीनी स्तर पर मूर्त रूप लेना शुरू कर चुकी हैं.

उन्होंने इस प्रगति का श्रेय कई दूरदर्शी नीतियों को दिया, जैसे कि एक जिला एक उत्पाद नीति 2024, एमएसएमई नीति 2024, निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, तथा आगामी नीतियों जैसे कि कपड़ा और परिधान नीति 2025, लॉजिस्टिक्स नीति 2025, तथा डेटा सेंटर नीति 2025.

उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आधारित औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी, जिसमें हरित प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. राज्य के व्यापारिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए राजस्थान व्यापार प्रोत्साहन नीति भी विकसित की जा रही है.

पर्यटन और रोजगार पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक संपत्ति इसे वैश्विक पर्यटन स्थल बनाती है. पर्यटन विकास में और तेजी लाने के लिए जल्द ही एक नई पर्यटन नीति शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 67,000 से अधिक पदों पर समय पर नियुक्तियां की हैं, तथा 1.87 लाख रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है. युवाओं को सशक्त बनाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और स्टार्टअप के माध्यम से रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए अटल उद्यमिता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है.

ऊर्जा के मोर्चे पर, सीएम शर्मा ने कहा कि राजस्थान सौर और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में देश में पहले स्थान पर है. राज्य ने 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा जोड़ी है, और पीएम कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर योजना और नई राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति जैसी पहलों के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की है. ऊर्जा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए, उन्होंने केंद्र सरकार से पीएम कुसुम योजना के घटक-ए के तहत ऊर्जा उत्पादन के लिए 5,000 मेगावाट और बैटरी भंडारण के लिए 5,000 मेगावाट का अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित करने का अनुरोध किया.

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राजस्थान सरकार राज्य को एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में, राजस्थान प्रगति और विकास के पथ पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है.

पीएसके/एकेजे