नई दिल्ली, 25 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में देशवासियों से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और विकास की बुनियादी जरूरतों के विस्तार के बारे में बात की. उन्होंने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव, छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक, दंतेवाड़ा जिले का जिक्र किया. माओवादी हिंसा का शिकार रहे ये क्षेत्र आज तेजी से मुख्यधारा में लौट रहे हैं. इसके पीछे यहां के स्थानीय लोगों का ही संकल्प और जुनून है.
पीएम मोदी ने बताया कि कैसे जब गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव में पहली बार एक बस पहुंची और इस ऐतिहासिक पल का इंतजार गांववासियों को वर्षों से था. बस के आगमन पर लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया. पक्की सड़क होने के बावजूद, माओवादी हिंसा के कारण पहले कभी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई थी. अब स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है और बुनियादी सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं. गांववासियों का कहना है कि नए परिवर्तनों से उनका जीवन आसान हो जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि यह बदलाव न केवल काटेझरी, बल्कि आसपास के पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है.
‘मन की बात’ में पीएम ने छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक और माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बने साइंस लैब का भी जिक्र किया. इन इलाकों के बच्चे न केवल खेलों में कमाल कर रहे हैं, बल्कि विज्ञान के प्रति भी उनका जुनून प्रेरणादायक है. पीएम मोदी ने कहा, “ऐसे प्रयासों से पता चलता है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग कितने साहसी होते हैं. इन लोगों ने तमाम चुनौतियों के बीच अपने जीवन को बेहतर बनाने की राह चुनी है.”
पीएम मोदी ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम इस बदलाव की जीती-जागती मिसाल हैं. 10वीं में 95 प्रतिशत परिणाम के साथ दंतेवाड़ा ने पूरे छत्तीसगढ़ में पहला स्थान हासिल किया, जबकि 12वीं में यह जिला छठे स्थान पर रहा. यह वही दंतेवाड़ा है, जहां कभी माओवादी अपने चरम पर था. आज वहां शिक्षा का परचम लहरा रहा है.
ये कहानियां बताती हैं कि साहस, दृढ़ निश्चय और सामूहिक प्रयासों से कितना कुछ हासिल किया जा सकता है. माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, खेल और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार विकास की नई इबारत लिख रहा है.
–
एएस/