बेंगलुरू, 22 जून . केंद्र Government ने Saturday को कर्नाटक राज्य के आम किसानों के लिए ‘मूल्य कमी भुगतान योजना’ (पीडीपीएस) के तहत मुआवजे की घोषणा की है, जो आम की कीमतों में गिरावट के कारण संकट में हैं. यह राशि केंद्र और राज्य Government द्वारा संयुक्त रूप से दी जाएगी.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने social media पर कहा, “कर्नाटक में आम के गिरते बाजार मूल्य से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए, केंद्र Government ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले.”
उन्होंने कहा, “मैंने इस मामले पर कर्नाटक के कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी के साथ विस्तृत चर्चा की है. इस बात पर सहमति बनी है कि “मूल्य न्यूनता भुगतान योजना” के तहत लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन आम के लिए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में किसान कल्याण केंद्र Government की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है. हमारी Government हर परिस्थिति में किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य दिलाना हमारा अटल लक्ष्य है.”
इस बीच, केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक में आम किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन देने के लिए केंद्र Government को धन्यवाद दिया है.
Union Minister जोशी ने social media हैंडल एक्स पर कहा, “Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज चौहान के सक्रिय प्रयासों के कारण कर्नाटक में आम किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद उचित मुआवजे का आश्वासन दिया गया है.”
उन्होंने कहा, “यह पहल हमारे किसानों के कल्याण के लिए Government की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. हम समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हैं.”
13 जून को कर्नाटक के Chief Minister सिद्धारमैया ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से राज्य के आम किसानों के लिए तत्काल ‘मूल्य कमी भुगतान’ और ‘बाजार हस्तक्षेप योजना’ की मांग की है.
Chief Minister सिद्धारमैया ने इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री चौहान को पत्र लिखा था.
उन्होंने लिखा था, “मैं आपका व्यक्तिगत ध्यान कर्नाटक भर में आम किसानों के समक्ष मौजूदा फसल सीजन के दौरान बाजार की कीमतों में तेज और अस्थिर गिरावट के कारण हो रही गंभीर परेशानी की ओर आकर्षित करने के लिए पत्र लिख रहा हूं. कर्नाटक की प्रमुख बागवानी फसलों में से एक आम की खेती लगभग 1.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, और इस रबी सीजन में इसका उत्पादन 8 से 10 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, खास तौर पर Bengaluru ग्रामीण, Bengaluru शहरी, चिक्काबल्लापुरा, कोलार और Bengaluru दक्षिण जिलों में.”
उन्होंने आगे लिखा, “मई से जुलाई के बीच फसल की सबसे अधिक पैदावार के महीनों के दौरान बाजार में कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव होता है. बाजार में कीमतें, जो पहले 12,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थीं, अब गिरकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं, जबकि कर्नाटक राज्य कृषि मूल्य आयोग ने खेती की लागत 5,466 रुपये प्रति क्विंटल की सिफारिश की है. उत्पादन लागत और बाजार प्राप्ति के बीच इस असंतुलन ने कृषक समुदाय को गंभीर वित्तीय तनाव में डाल दिया है.”
उन्होंने कहा, “हजारों छोटे और सीमांत आम उत्पादक अपनी बुनियादी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं, जिसके कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कृषि क्षेत्र में चिंता बढ़ रही है. जब तक शीघ्र और प्रभावी हस्तक्षेप नहीं किया जाता, यह संकट क्षेत्र में गंभीर सामाजिक-आर्थिक परिणाम पैदा कर सकता है.”
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एकेएस/केआर