महाकुंभ से पहले अलोपीबाग पम्पिंग स्टेशन की क्षमता होगी दोगुनी

प्रयागराज, 8 नवंबर . संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियां तेजी से चल रही है. सीएम योगी के विजन के अनुसार न केवल महाकुंभ क्षेत्र के लिए विश्वस्तरीय व्यवस्थाएं की जा रही हैं, बल्कि प्रयागराज शहर में भी कई स्थाई निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है. जिनका लाभ प्रयागराज निवासियों को आने वाले वर्षों में भी मिलता रहेगा.

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय, प्रयागराज के अलोपीबाग पम्पिंग स्टेशन की क्षमता लगभग दोगुनी करने का कार्य कर रहा है. जिससे आने वाले दिनों में प्रयागराज के कई मोहल्लों में सीवर की समस्या का निदान हो जाएगा. इसके साथ ही जल निगम नगरीय के सहयोग से कई अस्थाई एसटीपी का भी निर्माण हो रहा है.

महाकुंभ के पहले यूपी सरकार के कई विभाग मिलकर प्रयागराज में विश्वस्तरीय सुविधाओं का निर्माण कर रहे हैं. इसी दिशा में यूपी जल निगम नगरीय, प्रयागराज में कई प्रोजेक्ट्स चला रहा है. इनमें से आलोपीबाग पम्पिंग स्टेशन की क्षमता का विस्तारीकरण एक बड़ा प्रोजेक्ट है.

विभाग के अधिशासी अभियंता सौरभ कुमार ने बताया कि अलोपीबाग पम्पिंग स्टेशन की ट्रीटमेंट क्षमता को 45 एमएलडी से बढ़ाकर 80 एमएलडी किया जा रहा है. जो कि पहले की तुलना में लगभग दोगुनी है.

सीएम योगी के निर्देश के मुताबिक ये कार्य 30 नवंबर तक पूरा हो जाएगा. जिसके बाद प्रयागराज के अलोपीबाग, दारागंज, सोहबतियाबाग, अल्लापुर, किदवई नगर और मोरी नाला के सीवर ड्रेनेज की समस्या का निस्तारण हो जाएगा.

अधिशासी अभियंता ने बताया कि लगभग 18 करोड़ की लागत से हो रहे विस्तारीकरण का कार्य अपने अंतिम चरण में हैं. पम्पिंग स्टेशन के न्यू सम्प ने कार्य करना शुरू कर दिया है, जल्द ही ओल्ड सम्प भी कार्य करने लगेगा. जिसके बाद इस क्षेत्र के पूरे सीवर वेस्टेज को सम्प से पम्प कर राजापुर एसटीपी पर भेजा जाने लगेगा. जहां से ट्रीटेड पानी नदी में गिराया जाएगा. इससे न केवल क्षेत्र के लोगों बल्कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के अतिरिक्त दबाव का भी आसानी से सामना किया जा सकेगा.

इसके साथ ही अधिशासी अभियंता ने क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील की है. उनका कहना है कि निर्माण कार्य के कारण क्षेत्रवासियों को 30 नवंबर तक कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कार्य पूरे होने के बाद लंबे समय से अलोपीबाग और आसपास के मोहल्लों की सीवर चोकिंग की समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी.

एसके/जीकेटी