शेयर बाजार में चार साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त, विशेषज्ञों ने दी ‘मंदी में लिवाली’ की सलाह

नई दिल्ली, 22 मार्च . घरेलू शेयर बाजारों में इस सप्ताह जोरदार उछाल देखने को मिला. बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स में चार प्रतिशत से अधिक की तेजी आई, जो चार साल में सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त है. विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि यह तेजी निवेशकों की धारणा में सुधार, विदेशी निवेश बढ़ने और सकारात्मक वैश्विक घटनाक्रमों के कारण आई है.

निफ्टी में चार प्रतिशत से अधिक की तेजी आई, जो फरवरी 2021 के बाद से सबसे बड़ा साप्ताहिक उछाल है. सेंसेक्स में भी चार प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त रही, जो जुलाई 2022 के बाद सबसे अधिक है.

बाजार में यह उछाल रुपये में मजबूती के बीच एफआईआई की वापसी के कारण आया है.

इसके अलावा, हाल के महीनों में कई शेयरों में भारी गिरावट ने कम कीमत पर खरीददारी के अवसर पैदा किए, जिससे निवेशक कम वैल्यूएशन का लाभ उठाने के लिए आगे आए.

कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को निफ्टी 23,350.4 अंक पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 76,905.51 अंक पर रहा.

बेंचमार्क सूचकांकों में शुक्रवार को लगातार पांचवें सत्र में तेजी रही. व्यापक आधार पर खरीददारी से बाजार का ग्राफ ऊपर की ओर गया.

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप में क्रमशः 1.4 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत की तेजी के साथ व्यापक बाजार में तेजी जारी रही.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनुसंधान अजीत मिश्रा ने कहा, “शार्प रिकवरी में कई कारकों ने योगदान दिया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) से दबाव में कमी और नकदी तथा डेरिवेटिव दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक प्रवाह ने जरूरी स्थिरता प्रदान की. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर सूचकांक हाल की गिरावट के बाद निचले स्तर पर रहे, जिससे बाजार धारणा को मजबूती मिली.”

इसके अलावा, भविष्य में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व से नरम रुख के संकेत और रूस-यूक्रेन संघर्ष में तनाव घटने की रिपोर्टों ने आशावाद को बढ़ाया.

यह तेजी व्यापक आधार पर थी, जिसमें सभी प्रमुख क्षेत्रों का योगदान रहा.

रियलिटी, एनर्जी और फार्मा सबसे अधिक लाभ में रहे, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 7.7 प्रतिशत से 8.6 प्रतिशत की तेजी आई, जिससे बाजार में ओवरऑल तेजी रही.

विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले सप्ताह में निवेशकों का ध्यान मार्च के डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति और एफआईआई गतिविधि पर होगा.

वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिकी बाजारों पर नजर रहेगी, टैरिफ से संबंधित अपडेट और जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने की उम्मीद है. हालांकि अमेरिकी बाजारों में तेज गिरावट के बाद अस्थायी राहत देखी गई, लेकिन मिश्रित संकेत आने वाले सत्रों में संभावित अस्थिरता का संकेत देते हैं.

बाजार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ ‘मंदी में खरीददारी’ की रणनीति अपनाने और उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे रहे हैं जिन्होंने लगातार मजबूती दिखाई है.

बैंकिंग, फाइनेंशियल, मेटल और एनर्जी स्टॉक निवेशकों के पसंदीदा विकल्प बने हुए हैं, जबकि पीएसयू और ऑटो स्टॉक में भी चुनिंदा अवसर तलाशे जा सकते हैं.

एसकेटी/एकेजे