रायपुर: ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ से बदल रही लोगों की जिंदगी, लाभार्थियों ने बयां की अपनी खुशी

रायपुर, 26 जून . Prime Minister आवास योजना से लाखों लोगों की जिंदगी बदल रही है. पहले जो खुद का घर खरीदने में सक्षम नहीं थे. अब वो इस योजना के बलबूते अपना घर खरीद पा रहे हैं. इसी वजह से अब उनकी जिंदगी में खुशी लौट आई है. Prime Minister आवास योजना का लाभ उठा चुके छत्तीसगढ़ के कई लोगों ने समाचार एजेंसी से अपनी खुशी साझा की.

लाभार्थी शालिग्राम ने बताया कि हम बहुत खुश हैं कि हमें Prime Minister आवास योजना के तहत अपना घर मिला. हमें यह आवास मिले लगभग 10 साल हो चुके हैं. पहले हमारे पास अपना घर नहीं था, लेकिन आज हमारे पास अपना घर है और यह सब कुछ Prime Minister मोदी की वजह से संभव हो पाया है.

लाभार्थी गणेश गिरी ने बताया कि हमें तीन साल पहले Prime Minister आवास योजना के तहत अपना घर मिला. पहले हमारे पास कच्चा घर था, लेकिन आज हमारे पास अपना खुद का पक्का आवास है. हम बहुत खुश हैं. यह आवास मिलने के बाद हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है. हम इसके लिए Prime Minister का आभार प्रकट करते हैं. Prime Minister की इस योजना की वजह से कई लोगों को अपना आवास मिल पा रहा है. ऐसी योजना शुरू करके Prime Minister ने अच्छा कदम उठाया है.

लाभार्थी कांति ने बताया कि हमें भी Prime Minister आवास योजना के तहत आवास मिला है. इस योजना के तहत हमें खुद का और पक्का आवास मिला है. पहले हम झुग्गी झोपड़ी में रहते थे, लेकिन आज हमें खुद का आवास मिल पाया है. इसके लिए हम Prime Minister का दिल से शुक्रिया करते हैं. उन्होंने हमें आवास दिलाकर हम पर बहुत बड़ी कृपा की है, जिसे हम कभी नहीं भूलेंगे.

वहीं, एक अन्य लाभार्थी ने बताया कि पहले लोग कच्चे मकान में रहते थे. बहुत दिक्कत होती थी. लेकिन, आज Prime Minister आवास योजना के तहत हमारे पास खुद का पक्का मकान है. हम इसके लिए Prime Minister का दिल से धन्यवाद करते हैं. हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे पास खुद का आवास होगा, वो भी पक्का.

श्याम सुंदर ने बताया कि घर बनने के लिए हमें Government की तरफ से पैसा मिला है. Prime Minister ने हमें अपना घर दिलाकर बहुत बड़ी कृपा की है, जिसे हम कभी शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं.

लाभार्थी मदन कहते हैं, “हम सुकून से अपने पूरे परिवार के साथ अपने घर में रह पा रहे हैं. पहले हमारे पास कच्चा मकान था, जिसमें हमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन, अब ऐसा नहीं हो रहा है.”

एसएचके/केआर