तेजपत्ता है बड़ा तेज, इसके पत्ते करते हैं बड़ा असर

नई दिल्ली, 15 मार्च . भारतीय रसोई में तेजपत्ता एक महत्वपूर्ण मसाला है जो न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है. यह मसाला न केवल सब्जियों, पुलाव और खीर जैसे व्यंजनों में इस्तेमाल होता है, बल्कि अपने औषधीय गुणों के कारण यह शारीरिक दिक्कतों को भी दूर करता है.

आयुर्वेद के अनुसार, तेजपत्ता एलर्जी से राहत देने में मदद करता है. चाय में एक या दो तेज पत्ते डालने से एलर्जी की समस्या में काफी आराम मिल सकता है. इसके अलावा, तेजपत्ता तनाव को कम करने, पाचन प्रक्रिया को सुधारने और संक्रमण से बचाव में सहायक होता है. यह घावों को जल्दी भरने में भी मदद करता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं.

तेजपत्ता में विटामिन ए, बी6 और सी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं. इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होता है. तेज पत्ता पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और गैस, कब्ज, एसिडिटी अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.

तेजपत्ते के पत्तों को आमतौर पर मसालेदार व्यंजन बनाने के दौरान शुरुआत में सरसों के बीज, जीरा, इलायची आदि के साथ डाला जाता है, जिससे पकवान का स्वाद चटपटा बनता है.

वहीं कुछ अध्ययन बताते हैं कि तेजपत्ता कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में भी सहायक होता है, क्योंकि इसमें कैटेचिन, लिनालूल और पार्थेनोलाइड जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को निकालने में मदद करते हैं.

इसमें पाया जाने वाला कार्बनिक यौगिक बाउल सिंड्रोम को कम करता है. साथ ही शरीर की सूजन को भी घटाता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. इतना ही नहीं, तेज पत्ते में मौजूद खुशबूदार गुण साइनस की समस्या को भी दूर करते हैं.

शुगर के मरीजों के लिए भी तेजपत्ता फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

इस प्रकार, तेजपत्ता न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है.

एकेएस/