New Delhi, 4 अक्टूबर . केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Saturday को बिहार दौरे के दौरान Patna में आयोजित रबी कार्यशाला और कृषि सलाहकार संवाद में भाग लिया.
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों, सलाहकारों और किसानों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि कृषि India की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं. किसानों की सेवा करना ईश्वर की पूजा करने के समान है.
India के कृषि परिवर्तन को याद करते हुए Union Minister ने कहा, “एक समय था जब India पीएल-480 कार्यक्रम के तहत अमेरिका से लाल गेहूं आयात करता था. आज हमारे अन्न भंडार गेहूं और चावल से भरे हुए हैं और India अन्य देशों को खाद्यान्न निर्यात करने की स्थिति में है.”
उन्होंने इस प्रगति का श्रेय किसानों के अथक प्रयासों और कृषि सलाहकारों के महत्वपूर्ण योगदान को दिया.
कृषि सलाहकारों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनके बिना, अनुसंधान प्रयोगशालाओं की उपलब्धियां जमीनी स्तर तक कभी नहीं पहुंच पातीं. उन्होंने कहा कि Government ने कृषि सलाहकारों की आवश्यकता और महत्व, दोनों को पहचाना है और उनके सम्मान और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
दालों और मक्का उत्पादन में बिहार की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, Union Minister ने कहा कि दलहन मिशन के माध्यम से India दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करेगा और कृषि सलाहकार इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में स्वीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि का भी उल्लेख किया.
कार्यक्रम के दौरान, Union Minister शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में शुरू की गई Prime Minister धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य उन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, जहां उत्पादन कम है, जिसमें बिहार के कई जिले शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 11 विभाग मिलकर और समन्वय के साथ काम करेंगे ताकि कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके.
Prime Minister के सिद्धांत राष्ट्रहित सर्वोपरि (राष्ट्र पहले) का जिक्र करते हुए चौहान ने जोर देकर कहा कि India अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि आज India एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपनी शर्तों पर आगे बढ़ रहा है.
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पीएसके