‘बाबूजी धीरे चलना’ गाने की वो एक्ट्रेस, जिनका था शाही खानदान से नाता, गुरुदत्त की फिल्म ने बनाया था स्टार

नई दिल्ली, 19 सितंबर . ‘बाबूजी धीरे चलना, प्यार में जरा संभलना’, अगर आपने ये गाना सुना होगा, तो आपको उस हसीन शख्सियत का चेहरा बखूबी याद होगा, जिसने इस गाने में अपने हुस्न का जलवा बिखेरा. साल 1954 में आई फिल्म ‘आर पार’ के इस गीत और इसकी एक्ट्रेस शकीला को सात दशक बाद भी लोग को भुला नहीं पाए हैं, जिन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी.

शायद ही 50 और 60 के दशक का कोई ऐसा अभिनेता बचा होगा, जिसने शकीला के साथ काम न किया हो. चाहे वह गुरुदत्त हो या सुनील दत्त या फिर मनोज कुमार. उस दौर के लगभग सभी एक्टर्स के साथ शकीला ने काम किया.

1 जनवरी, 1936 को जन्मीं शकीला का असली नाम ‘बादशाहजहां’ था. बताया जाता है कि उनके पूर्वज अफगानिस्तान और ईरान के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे. राजगद्दी पर कब्जे के खानदानी झगड़ों की वजह से उनके दादा-दादी और मां को मार दिया गया. शकीला अपनी दो बहनों और बुआ फिरोजा बेगम के साथ भागकर मुंबई आ गईं. उनकी बुआ ने शकीला और उनकी दो बहनों का पालन-पोषण किया.

शकीला की बुआ को फिल्में देखने का शौक था. वह अपनी बुआ के साथ ही फिल्में देखने जाती थीं, यहीं से उनकी दिलचस्पी सिनेमा में होने लगी. उन्हें पहली बार फिल्म ‘दास्तान’ में ब्रेक मिला. इस समय उनकी उम्र महज 15 साल थी. इसी फिल्म से उन्हें नया नाम ‘शकीला’ मिला.

फिल्म इंडस्ट्री में शकीला को पहचान मिली साल 1954 में आई गुरुदत्त की फिल्म ‘आर पार’ से. इस फिल्म के मशहूर गाने ‘बाबूजी धीरे चलना’ में उनके हुस्न के चर्चें हर तरफ हुए. हालांकि, इससे पहले वह गुमास्ता (1951), सिंदबाद द सेलर (1952), राजरानी दमयंती (1952), आगोश (1953), शहंशाह (1953), राज महल (1953), अरमान (1953) जैसी फिल्में भी कर चुकी थीं. उनकी किस्मत का सितारा चमका और वह देव आनंद के साथ फिल्म ‘सीआईडी’, सुनील दत्त के साथ ‘पोस्टबॉक्स 999’, मनोज कुमार के साथ ‘रेशमी रुमाल’ और ‘काली टोपी लाल रुमाल’ में नजर आईं.

फिल्म ‘सीआईडी’ के गाने ‘लेके पहला-पहला प्यार, भरके आंखो में खुमार’ में उनके अंदाज ने फैंस को उनको दीवाना बना दिया. इसके बाद शकीला ने शम्मी कपूर के साथ ‘चाइना टाउन’ जैसी सुपरहिट फिल्म की. अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने जाने-माने अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ 50 से अधिक फिल्मों में काम किया. साल 1963 में आई फिल्म ‘उस्तादों के उस्ताद’ उनकी आखिरी फिल्म थी.

शकीला ने फिल्में करना तो छोड़ दिया, मगर उनकी अपने दौर की अभिनेत्रियों जबीन, श्यामा, अजरा, वहीदा रहमान और नंदा से हमेशा दोस्ती बनी रही. शकीला का 20 सितंबर 2017 को मुंबई में हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया. निधन के समय उनकी उम्र 82 साल की थी.

एफएम/