Mumbai , 29 सितंबर . Mumbai भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साटम ने एशिया कप के फाइनल में भारतीय टीम की जीत पर विपक्ष की तरफ से किसी भी प्रकार की बधाई नहीं मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि जिन लोगों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘बालाकोट एयरस्ट्राइक’ पर सवाल उठाए, क्या ऐसे लोगों से कोई और उम्मीद की जा सकती है? जवाब बिल्कुल स्पष्ट है कि इन लोगों से कोई भी उम्मीद नहीं की जा सकती है. इन लोगों ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के साथ हाथ मिला लिया है. ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसा करके ये लोग अपनी खत्म हो चुकी राजनीति को दोबारा से शुरू करने की कोशिश में जुटे हैं.
वहीं, उन्होंने एसीसी के चेयरमैन मोहसिन नकवी की ओर से ट्रॉफी अपने साथ लेकर जाने को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि इनकी फितरत से पूरी दुनिया वाकिफ है. Pakistanियों से वैसे भी कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती है. हमें अपने विपक्षी दलों से अपेक्षा थी, क्योंकि ये हमारे देश के नागरिक हैं. हमें अपेक्षा थी कि ये लोग हमारे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करेंगे, क्योंकि हमारे खिलाड़ियों ने तीन-तीन बार Pakistanी खिलाड़ियों को हार का मुंह दिखाया. लेकिन, अफसोस हमारे विपक्षी दलों ने एक शब्द भी भारतीय टीम की तारीफ में बोलना जरूरी नहीं समझा. ऐसा करके इन लोगों ने हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है, जो कि पूर्ण रूप से गलत है.
उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों को राजनीति को परे रखकर अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करनी चाहिए थी, लेकिन इन्होंने इतना करना भी उचित नहीं समझा. इससे इनकी फितरत साफ जाहिर होती है.
इसके अलावा, शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज उद्धव ठाकरे की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है. प्रदेश की जनता उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है. उद्धव ठाकरे इस पर एक शब्द भी क्यों नहीं बोल रहे हैं कि उन्होंने पिछले 25 सालों में Mumbai के लोगों के लिए क्या किया? इस बारे में वे कुछ नहीं बोलेंगे. उन्होंने सिर्फ हर Wednesday को स्टैंडिंग कमेटी का हिसाब किया है.
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे से मेरा अनुरोध है कि वे अपने परफॉर्मेंस के बारे में बात करें. वे Mumbai की जनता के मुद्दों के बारे में बात करें. लेकिन, यह दुख की बात है कि वे इन मुद्दों के बारे में बोलना जरूरी नहीं समझते हैं. उद्धव ठाकरे को बताना चाहिए कि इन्होंने इतने सालों में मराठी लोगों के लिए क्या किया?
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एसएचके/एएस