चतरा, 21 फरवरी . झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत पिपरवार थाना क्षेत्र से गुरुवार की रात अपहृत कोयला कारोबारी आशिक अली को अपराधियों ने मुक्त कर दिया है. वह शुक्रवार को न्यू मंगरदाहा गांव के पास स्थित दामोदर नदी के किनारे बदहवास और जख्मी हालत में पाए गए. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है.
टंडवा के एसडीपीओ प्रभात रंजन बरवार ने कहा है कि पुलिस की दबिश और लगातार छापेमारी के कारण अपराधियों को उन्हें मुक्त करना पड़ा. न्यू मंगरदाहा गांव निवासी 40 वर्षीय आशिक अली गुरुवार की रात करीब 8.30 बजे कार से अपने घर लौटे थे, तभी नकाबपोश हथियारबंद अपराधियों ने उन्हें दबोच लिया था. शोर सुनकर आशिक अली के पुत्र और उनके पिता ने विरोध किया था तो अपराधियों ने उन्हें पिस्टल के बट्ट से पीटा था. उन्होंने सभी को गोली मारने की धमकी दी थी.
इसके बाद अपराधी बंदूक की नोक पर आशिक अली को बाइक पर बिठाकर अपने साथ ले गए थे. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई थी. एसडीपीओ प्रभात रंजन बरवार के नेतृत्व में पिपरवार, खलारी, मैक्लुस्कीगंज और टंडवा थाने की पुलिस गुरुवार रात से ही उनकी तलाश में पूरे इलाके में सघन छापेमारी अभियान चला रही थी.
शुक्रवार को दामोदर नदी के किनारे बदहवास और जख्मी हालत में मिले आशिक अली को गांव के कुछ लोगों ने उनके घर तक पहुंचाया. उन्होंने पुलिस को बताया है कि अपहरण के बाद उन्हें जोबिया गांव ले जाया गया, जहां कई और अपराधी जुट गए थे. इसके बाद हाथ-पांव बांधकर उन्हें पास के जंगल में ले जाया गया, जहां उनकी बुरी तरह पिटाई की गई. पिटाई से वह बेहोश हो गए थे. सुबह उन्होंने खुद को नदी के किनारे पड़ा पाया तो स्थानीय लोगों की मदद से घर पहुंचे. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
आशंका जताई जा रही है कि अपहरण की वारदात के पीछे लेवी और रंगदारी वसूलने वाले प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के लोग हो सकते हैं. आशिक अली पर पिछले साल 12 नवंबर को भी गोलीबारी की गई थी, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे. पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है.
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एसएनसी/एबीएम