टेस्ला पूरी तरह से असेंबल्ड, महंगे मॉडल ‘वाई’ के साथ कर सकती है भारत में एंट्री

नई दिल्ली, 19 फरवरी . अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी टेस्ला इस साल के अंत में भारत में प्रवेश करने के लिए तैयार है. एलन मस्क द्वारा संचालित कंपनी “टॉप-डाउन अप्रोच” अपनाने के लिए तैयार है. कंपनी पहले देश में महंगे मॉडल लॉन्च करेगी और फिर सस्ते वाहन लॉन्च करेगी.

इलेक्ट्रिक कार निर्माता कथित तौर पर अपनी बर्लिन गीगाफैक्ट्री से पूरी तरह से असेंबल्ड मॉडल ‘वाई’ भारत में आयात करने के लिए तैयार है. इलेक्ट्रिक एसयूवी यूरोप में राइट-हैंड ड्राइव कॉन्फिगरेशन में निर्मित होती है.

सरकार द्वारा हाल ही में घोषित संशोधित आयात शुल्क संरचना को देखते हुए टेस्ला मॉडल वाई की कीमत 60-70 लाख रुपये होगी.

देश ने 40 हजार डॉलर (लगभग 34,780 रुपये) से अधिक कीमत वाली हाई-एंड कारों पर मूल सीमा शुल्क को 110 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया है.

राइट-हैंड-ड्राइव मॉडल 3 भी शंघाई में बनाया जाता है, लेकिन चीनी कार आयात पर बाधाओं के कारण पहले चरण में इसके आने की संभावना नहीं है.

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में टेस्ला वाहनों की स्थानीय असेंबली की कोई योजना नहीं है. हालांकि, निकट भविष्य में ये योजनाएं बदल सकती हैं.

टेस्ला, जिसका पुणे में एक कार्यालय है, कथित तौर पर देश में अपना पहला शोरूम स्थापित करने के लिए मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और दिल्ली में एरोसिटी में स्थानों की तलाश कर रही है.

कंपनी ने कम से कम 13 नई भूमिकाओं के लिए विज्ञापन दिया है, जिनमें से ज्यादातर मुंबई और दिल्ली के बाजारों के लिए हैं.

लिंक्डइन विज्ञापनों के अनुसार, इन नौकरियों में बिजनेस ऑपरेशन एनालिस्ट, सर्विस टेक्नीशियन और कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर और ऑर्डर ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट सहित विभिन्न सलाहकार भूमिकाएं शामिल हैं.

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में टेस्ला के मालिक एलेन मस्क से मुलाकात की और स्पेस, मोबिलिटी, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने भारतीय बाजार के लिए टेस्ला का अधिक किफायती संस्करण विकसित करने के विचार पर भी विचार किया है, लेकिन इस पर अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है.

एसकेटी/एकेजे