इस्लामाबाद, 29 मई ( /डीपीए). आतंकियों ने एक बार फिर अफगानिस्तान सीमा के पास उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में लड़कियों के एक स्कूल को निशाना बनाया है. आतंकियों ने स्कूल में केरोसिन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस महीने में यह तीसरी घटना है जब लड़कियों के स्कूल को निशाना बनाया गया है.
उत्तरी वजीरिस्तान क्षेत्र के परिसर में सोमवार रात आग लगा दी गई, जिससे एक बार फिर वर्षों से इस्लामवादियों के निशाने पर रही शिक्षा को लेकर नए सिरे से आशंकाएं पैदा हो गई हैं.
स्थानीय पुलिस प्रमुख रेहान खान ने डीपीए को बताया कि सुदूर क्षेत्र में हुई यह घटना बुधवार को रिपोर्ट की गई.
बता दें कि उत्तरी वजीरिस्तान लंबे समय तक अलकायदा और उससे संबद्ध तालिबान का मुख्यालय रहा था, लेकिन 2014 में सेना द्वारा कई हमलों के बाद उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया था.
पाकिस्तानी तालिबान एक ऐसा समूह है जो अपने अफगान समकक्षों की तरह ही इस्लाम की कट्टर विचारधारा का पालन करता है. समूह ने अतीत में भी लड़कियों के स्कूलों पर बमबारी की है.
इस क्षेत्र पर 2007 से 2009 के बीच जब पाकिस्तानी तालिबान का शासन था, तब वजीरिस्तान और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के गृह नगर स्वात में सैकड़ों लड़कियों के स्कूलों पर बमबारी की गई थी.
कई वर्षों के बाद हुए हमलों ने लोगों में यह डर पैदा कर दिया है कि 2014 की तरह ही आतंकवादी फिर से छात्रों को निशाना बना सकते हैं. 2014 में एक सैन्य-संचालित संस्थान में लगभग 150 बच्चों की हत्या कर दी गई थी.
इससे पहले (18 मई को) आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा में दक्षिण वजीरिस्तान की वाना तहसील में लड़कियों के स्कूल को बम से उड़ा दिया था. इस स्कूल को बनाने का काम चल ही रहा था कि यह दहशतगर्दों के निशाने पर आ गया.
इससे पहले (9 मई को) उत्तरी वजीरिस्तान के शेवा शहर में इस्लामिया गर्ल्स स्कूल को निशाना बनाकर उस पर पर बमबारी की गई थी. बता दें कि इस हमले में किसी की मौत नहीं हुई थी.
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