आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सुहाग छीना, भारत-पाक क्रिकेट मैच पर उन्हें क्या जवाब देंगे?: प्रियंका चतुर्वेदी

New Delhi, 29 जुलाई . शिवसेना(यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने Lok Sabha में Monday को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी के भारत-Pakistan क्रिकेट मैच पर दिए बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सुहाग उजाड़ दिया और अब आप एशिया कप में India Pakistan के बीच मैच करवा रहे हैं. हम उन बहनों को क्या जवाब देंगे?

Monday को से बातचीत के दौरान प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हम लोगों ने इससे पहले विश्व चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) में भारत-Pakistan मैच पर कड़ा विरोध जताया. जनता के दबाव में उस मैच को रद्द करना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियान चल रहे हैं और Government आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख की बात करती है, जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं हो सकते, तो ऐसे में Pakistan के साथ क्रिकेट मैच कैसे संभव है?

चतुर्वेदी ने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब जनता के दबाव में डब्ल्यूसीएल जैसे निजी लीग मैच रद्द हो सकते हैं, तो बीसीसीआई ने एशिया कप 2025 में भारत-Pakistan मैच को हरी झंडी कैसे दे दी?

उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई, और पूछा कि अगर भारत-Pakistan का क्रिकेट मैच खेला जाता है तो मृतकों के परिजनों को क्या जवाब दिया जाएगा?

चतुर्वेदी ने कहा कि देश में अभी भी गुस्सा है, क्योंकि Pakistan और उसके क्रिकेटर जहर उगल रहे हैं. उन्होंने बीसीसीआई और Government पर देश की भावनाओं को नजरअंदाज करने और मुनाफे को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया. साथ ही, उन्होंने ओवैसी के इस मुद्दे को उठाने का स्वागत किया.

प्रियंका चतुर्वेदी ने Lok Sabha में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से विपक्ष पर दिए एक बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा कि जनता के मन में उठ रहे सवालों का जवाब मिलना जरूरी है, लेकिन जब विपक्ष सवाल उठाता है, तो उस पर ‘Pakistan की भाषा बोलने’ का आरोप लगाया जाता है, जो न केवल शर्मनाक है, बल्कि बेहद दुखद भी है.

चतुर्वेदी ने कहा, “Lok Sabha में हमें 16 घंटे की चर्चा का समय दिया गया है, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी बात रखी. लेकिन जब हम सवाल पूछते हैं, तो हमें देशद्रोही या Pakistan समर्थक करार दिया जाता है. यह रवैया गलत है.”

उन्होंने ऑल पार्टी मीटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष ने हमेशा Government का साथ दिया है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में, जिसे रोका गया और विपक्ष ने तब भी इसका सम्मान किया. उन्होंने आगे कहा कि Prime Minister Narendra Modi के निर्देश पर सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश गया था, जिसमें देशहित को सर्वोपरि रखा गया. लेकिन विशेष सत्र की मांग को नजरअंदाज किया गया, और मानसून सत्र के पहले दिन इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई.

चतुर्वेदी ने Government पर सवाल उठाया कि जब विपक्ष जनता की आवाज उठाता है, तो उसे ‘एंटी-नेशनल’ क्यों करार दिया जाता है?

उन्होंने कहा, ‘2014 से हमें एंटी-नेशनल का टैग दिया जा रहा है. मैं पीएम मोदी का आभार जताना चाहती हूं कि उन्होंने हमें, जिन्हें एंटी-नेशनल कहा जाता है, उन्हें विदेश में India का रुख रखने के लिए भेजा. लेकिन विपक्ष के सवालों को Pakistan की भाषा कहना दर्दनाक है.”

बिहार में एसआईआर पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का प्राथमिक दायित्व निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है, और उसे हर हाल में पूरा करना चाहिए. जनता का निर्णय ही अंतिम और निर्णायक होगा. बिहार में एसआईआर को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, वे ज्यादातर रोजगार की तलाश में अन्य शहरों में रह रहे हैं, और यह प्रक्रिया राजनीति से प्रेरित है. बंगाल में भी इसी तरह का एसआईआर लागू करने की कोशिश होगी. हम विरोध जारी रखेंगे.

डीकेएम/केआर