जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकवादियों ने दो वीडीसी की हत्या की

जम्मू, 7 नवंबर . जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के वन क्षेत्र में गुरुवार को आतंकवादियों ने ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के दो सदस्यों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी.

आतंकवादियों के हमले में मारे गए वीडीसी सदस्यों की पहचान नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के रूप में हुई है.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “मारे गए वीडीसी सदस्यों के शव बरामद कर लिए गए हैं और उनके हत्यारों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है.”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने घटना की निंदा की है.

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक शांति बनाए रखने में इस तरह की बर्बर हिंसा एक बड़ी बाधा बनी हुई है. दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं.”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा कि यह हत्या चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, “एक समय शांतिपूर्ण रहे इलाकों में अब फिर से आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं. कुछ राजनीतिक दलों ने पहले भी ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की थी. जब से भारतीय जनता पार्टी वहां जीती है, इनमें से कुछ दलों ने अपने भाषणों में इस तरह के मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.”

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोगों को आतंकवादियों से अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए तैयार करने के लिए वीडीसी की स्थापना की थी.

शुरू में वीडीसी सदस्यों को .303 राइफलें दी गई थीं, लेकिन अब उन्हें स्वचालित हथियार दिए गए हैं.

पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा, कठुआ और उधमपुर जिलों के दूरदराज के इलाकों में आतंकवादी वीडीसी सदस्यों को सुरक्षा बलों की आंख और कान मानते हैं. इस कारण से वीडीसी सदस्य अक्सर उनका शिकार बन जाते हैं.

इन जिलों के पहाड़ी इलाकों में विदेशी भाड़े के आतंकवादियों के सक्रिय होने की खबरें हैं और उन्हें इन जिलों में कई हमलों और घात लगाकर हमला करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.

आतंकवादियों की इस हिट एंड रन रणनीति का मुकाबला करने के लिए ही इन जिलों के जंगलों में चार हजार से अधिक उच्च प्रशिक्षित पैरा कमांडो को तैनात किया गया है जो पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित हैं.

एकेजे/