New Delhi, 21 नवंबर . दिल्ली ब्लास्ट में डॉक्टरों का नाम सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल का कहना है कि शरजील इमाम और उमर खालिद वे जहरीले सांप हैं, जिन्होंने न सिर्फ जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का नाम खराब किया, बल्कि इतने भड़काऊ भाषण दिए, जिसके कारण आतंकी ब्रिगेड तैयार हुआ है.
विनोद बंसल ने कहा कि डॉक्टरों, इंजीनियरों, प्रोफेशनल मुस्लिमों का जिहादी गैंग तैयार हुआ है. ये लोग मरने और मारने के लिए तैयार हो गए हैं. ये लोग शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे जहरीले सांपों का नतीजा हैं. शरजील इमाम का एक वीडियो सर्वोच्च न्यायालय के सामने रखा गया है. वह वीडियो बेहद खतरनाक था.
उन्होंने बताया कि वीडियो में न सिर्फ चिकन नेक को काटकर अलग करने की बात कही गई है, बल्कि देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका पर प्रहार करने की बात कही गई है. वीडियो में यह भी कहते सुना गया है कि देश के 500 शहरों में चक्का जाम कर दो, जगह-जगह शाहीनबाग जैसा माहौल बना दो. पूर्वी दिल्ली में जिस तरह सुनियोजित रूप से हमले किए गए थे, उसके लिए तैयारी करो.
विनोद बंसल ने कहा कि ये ऐसे ‘आतंकी’ हैं, जिनका बाहर रहना बेहद खतरनाक होगा. ऐसे में इनको लेकर सर्वोच्च न्यायालय को सोचना पड़ेगा और हमारी एजेंसियों को भी सोचना पड़ेगा कि डॉ. उमर जैसे आतंकी कैसे तैयार हुए हैं. इन बौद्धिक आतंकियों का ही नतीजा है कि ये बाहर रहने लायक नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी ने जिस तरह कल अपने ट्वीट में झूठ बोलकर कहा है कि अखलाक के परिवार के पास गौमांस नहीं मिला था. मथुरा एफएसएल की रिपोर्ट में साफ-साफ बताया गया कि वह गौमांस ही था. इसके बाद भी झूठ बोलकर हिंदुओं के प्रति वैमनस्य फैलाकर आतंकियों को उकसाने की कोशिश की गई है. यह इंग्लैंड के बैरिस्टर को ठीक नहीं लगता.
बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि 2015 में दादरी में अखलाक पर गौमांस का झूठा इल्जाम लगाकर उसकी लिंचिंग कर दी गई थी. तब भारतीयों को लिंचिंग का मतलब भी नहीं पता था. आज लिंचिंग आम बात हो गई है. अखलाक के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आंखों से देखी थी, वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए. दस साल में किसी को सजा नहीं हुई.
ओवैसी यह भी कहा कि अब योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है कि अखलाक के कातिलों के खिलाफ केस वापस ले लिया जाएगा. Government के अनुसार यह फैसला “सामाजिक सद्भाव” के हित में है. नाइंसाफी की बुनियाद पर सद्भाव नामुमकिन है. योगी बाबा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर भाजपा का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा मुजरिमों के साथ खड़ी नजर आएगी.
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एएमटी/डीएससी