लाहौर, 4 मार्च . ईरान से लौटने के बाद तीन धार्मिक विद्वानों की गिरफ्तारी के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र के लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जा रहा है.
प्रदर्शनकारी खारमंग से सैयद आगा अली अब्बास, स्कार्दू से शेख गुलाम अब्बास और शिगर से शेख अख्तर हुसैन की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्हें 25 फरवरी को बलूचिस्तान क्षेत्र में ईरान के साथ सीमा पार करके पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
अत्यधिक ठंड और भारी बर्फबारी के बावजूद, बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पिछले एक सप्ताह से धरना दे रहे हैं और खारमंग में कारगिल मार्ग को भी अवरुद्ध कर रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि तीनों विद्वानों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने बिना किसी अपराध के हिरासत में लिया है.
मंगलवार देर शाम अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए अधिकारियों ने दो विद्वानों को रिहा करने का वादा किया है, लेकिन शेख अख्तर हुसैन को हिरासत में रखने की योजना बनाई है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन, राजनीतिक स्वतंत्रता से वंचित करना और असहमति को पाकिस्तानी सेना द्वारा दबाना जारी है.
पिछले साल, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंता जताई थी.
संगठन ने क्षेत्र में व्यापक बिजली कटौती और इंटरनेट व्यवधान पर चिंता व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी सेना द्वारा अपहृत किए गए बच्चों सहित लोगों की बरामदगी की मांग की.
साल 2024 में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत कब्जे वाले क्षेत्रों से अपनी सेना हटानी चाहिए.
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पीएसके/