हैदराबाद, 8 फरवरी . तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार हैदराबाद में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिटी विकसित करेगी और राज्य में उद्योगों तथा सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति लाएगी.
रेवंत रेड्डी सरकार इंटरनेट को भी बुनियादी अधिकार बनाएगी.
फोकस सिर्फ डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने पर नहीं होगा बल्कि इसे समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ और किफायती बनाने पर भी होगा.
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने हुए ये घोषणाएँ कीं.
यह कहते हुए कि राज्य सरकार नई तकनीक, विशेष रूप से एआई की शक्ति का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने कहा कि वह शीर्ष वैश्विक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को अपने एआई केंद्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित करके हैदराबाद और तेलंगाना को देश की एआई राजधानी के रूप में स्थापित करेगी.
उन्होंने कहा, ”हम 50-100 एकड़ में एक समर्पित एआई सिटी स्थापित करेंगे.”
यह देखते हुए कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य की व्यापक क्षमता का केवल आंशिक रूप से उपयोग किया गया है, राज्यपाल ने कहा कि सरकार इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों का समर्थन करने के लिए एक पूरी तरह से नया प्रतिमान लाने का इरादा रखती है.
तेलंगाना सरकार एक नई नीति पेश करने का इरादा रखती है जो मौजूदा जमीनी हकीकतों के गहन अध्ययन, हितधारकों से प्रतिक्रिया और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का संज्ञान लेने पर आधारित होगी.
उन्होंने कहा, तेलंगाना एक रोल-मॉडल राज्य बनने का प्रयास करेगा जहां नए और मौजूदा निवेशकों को न केवल प्रवेश के समय बल्कि उनके निरंतर संचालन और भविष्य के विस्तार के दौरान भी किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बेहतर तकनीक, कुशल जनशक्ति की भर्ती की क्षमता, वित्तपोषण, बाजार पहुंच और औद्योगिक बीमारी की रोकथाम में मदद करने के लिए एक नई नीति की भी घोषणा करेगी.
एमएसएमई को संभालने और उनकी शिकायतों का समर्थन करने के लिए एक विशेष संस्थागत तंत्र स्थापित किया जाएगा. आईटी और फार्मा जैसे ‘चैंपियन क्षेत्रों’ को निरंतर समर्थन का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार 10-12 फार्मा ग्राम क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव कर रही है, जिनमें से प्रत्येक एक हजार से तीन हजार एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा.
उन्होंने कहा कि हाल ही में स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में वैश्विक निवेशकों ने तेलंगाना में 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की, जहां मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और उद्योग मंत्री ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी लागू करेगी कि प्रत्येक परिवार, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति या स्थान कुछ भी हो, तेजी से डिजिटल रूप से उभर रहे अवसरों को अपनाने से लाभ उठा सकेगा.
सरकार उन क्षेत्रों पर विशेष जोर देगी जिनका उनकी क्षमता की तुलना में कम उपयोग किया गया है, जैसे चमड़ा और जूते, रत्न और आभूषण, रसायन और प्लास्टिक, इंजीनियरिंग सामान, एफएमसीजी उत्पाद, उच्च मूल्य वाले खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और भंडारण. साथ ही यह सुनिश्चित करने पर भी जोर होगा कि हर क्षेत्र के लिए समर्पित औद्योगिक पार्क और सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाए जाएँ.
कौशल अंतराल को दूर करने और इंडस्ट्री 4.0 की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप सरकार लगभग दो हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ राज्य के सभी सरकारी आईटीआई को उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्रों में बदल देगी.
ये केंद्र उच्च मांग वाले ट्रेडों में एनसीवीटी-अनुमोदित दीर्घकालिक और अल्पकालिक पाठ्यक्रम पेश करेंगे और इससे तेलंगाना में लगभग एक लाख युवाओं को लाभ होगा.
कुशल एवं सशक्त कार्यबल तैयार करने के लिए राज्य भर में कौशल विश्वविद्यालय स्थापित किये जायेंगे. ये कौशल विश्वविद्यालय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में काम करेंगे और हमारे युवाओं को तेजी से विकसित हो रहे नौकरी बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता से लैस करेंगे.
स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार सौर, पवन, हाइब्रिड (सौर और पवन) जैसी सभी प्रकार की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक ऊर्जा नीति लाएगी. साथ ही चरम सीमा तक भंडारण (पंप या बैटरी) भी करेगी.
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एकेजे/