तेलंगाना के मंत्री ने की पार्टी के वरिष्ठ नेता जीवन रेड्डी की नाराजगी दूर

हैदराबाद, 24 जून . बीआरएस विधायक एम. संजय कुमार को पार्टी में शामिल करने से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व एमएलसी टी. जीवन रेड्डी को सोमवार को तेलंगाना के मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने समझाया-बुझाया.

जीवन रेड्डी के एमएलसी पद से इस्तीफा देने पर विचार करने की खबर सामने आने पर पार्टी नेतृत्व ने उन्हें समझाने बुझाने व उनकी नाराजगी दूर करने के लिए श्रीधर बाबू को जगतियाल भेजा.

जीवन रेड्डी के साथ बैठक के बाद, श्रीधर बाबू ने कहा कि वे जीवन रेड्डी की भावनाओं को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, राज्य प्रभारी दीपा दासमुंशी और मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी तक पहुंचाएंगे.

श्रीधर बाबू ने जीवन रेड्डी को पार्टी का एक वरिष्ठ नेता बताया, जो चार दशकों से संगठन की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री ने संकट के समय पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की.

रविवार बीआरएस विधायक एम. संजय कुमार के पार्टी में शामिल होने से नाराज जीवन रेड्डी ने कहा कि वह इस मुद्दे को हाईकमान के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने कहा कि संजय कुमार को पार्टी में शामिल करते समय पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा गया. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह पार्टी के नियमों-विनियमों का पालन करेंगे.

विधायक अदलुरी लक्ष्मण कुमार और आदी श्रीनिवास सहित कई नेताओं द्वारा जीवन रेड्डी को समझाने में विफल रहने के बाद श्रीधर बाबू जगतियाल पहुंचे.

पूर्व मंत्री इस बात से नाखुश थे कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने जगतियाल से विधायक संजय कुमार को बिना बताए पार्टी में शामिल कर लिया. नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में जीवन रेड्डी निजामाबाद जिले के निर्वाचन क्षेत्र में संजय कुमार से हार गए थे. कांग्रेस नेता 2018 में भी संजय से हारे थे.

2014 में इसी निर्वाचन क्षेत्र से जीवन रेड्डी से पराजित संजय कुमार, रविवार रात कांग्रेस में शामिल हो गए. यह जीवन रेड्डी के लिए एक झटका था. उन्होंने पहले ही वरिष्ठ बीआरएस नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी को पार्टी में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की थी.

जीवन रेड्डी ने शनिवार को बांसवाड़ा से विधायक श्रीनिवास रेड्डी के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को राजनीतिक अवसरवाद करार दिया था. जीवन रेड्डी ने कहा था, “यह राजनीतिक अवसरवाद का एक उदाहरण है. किसी भी राजनीतिक दल को अपने सिद्धांतों के अनुसार लड़ना और काम करना चाहिए.”

उन्होंने 65 विधायकों के साथ कांग्रेस सरकार के स्थिर होने पर अन्य दलों से दलबदल को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को दलबदल की अनुमति देने की कोई आवश्यकता नहीं है.”

इसके पहले मुख्यमंत्री ने 21 जून को खुद श्रीनिवास रेड्डी के घर जाकर उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का निमंत्रण दिया था. पूर्व मंत्री ने तुरंत निमंत्रण स्वीकार कर लिया और पार्टी में शामिल हो गए.

पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से संजय कुमार बीआरएस के पांचवें विधायक हैं जिन्होंने पार्टी छोड़ी है. बीआरएस ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 39 सीटें जीती थीं, लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 33 रह गई है. हाल ही में सिकंदराबाद कैंट उपचुनाव में भी वह कांग्रेस से हार गई.

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