तेलंगाना : बीआर नायडू तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन नियुक्त

तिरुपति, 31 अक्टूबर . मीडिया उद्यमी और परोपकारी बोलिनेनी राजगोपाल नायडू को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह बोर्ड दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर के मामलों का प्रबंधन करता है.

तेलुगु समाचार चैनल टीवी5 के मालिक बी.आर. नायडू टीटीडी बोर्ड के 54वें अध्यक्ष होंगे.

टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने टीटीडी बोर्ड में 24 सदस्यों की नियुक्ति की है. बोर्ड में तीन पड़ोसी राज्यों से 10 लोगों को शामिल किया गया है. इनमें पांच सदस्य तेलंगाना से, तीन कर्नाटक से और दो तमिलनाडु से हैं. गुजरात से अदित देसाई को भी सदस्य नियुक्त किया गया है.

आंध्र प्रदेश से तीन विधायकों को टीटीडी बोर्ड का सदस्य बनाया गया है. वे हैं ज्योतुला नेहरू, वेमिरेड्डी प्रशांत रेड्डी और एम.एस. राजू.

पूर्व मंत्री पन्नाबाका लक्ष्मी और भारत बायोटेक की सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला का नाम भी सदस्यों की सूची में है.

बी.आर. नायडू बोर्ड में भुमना करुणाकर रेड्डी की जगह अध्यक्ष बनेंगे. उन्होंने यह अवसर देने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का आभार जताया.

उन्होंने कहा कि चूंकि उनका जन्म और पालन-पोषण तिरुपति में हुआ है, इसलिए वे हर चीज को अच्छी तरह जानते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश का आभार व्यक्त किया.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन तिरुपति विधायक करुणाकर रेड्डी ने अगस्त 2023 में टीटीडी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी. इससे पहले वे 2006 से 2008 तक इस पद पर रहे थे.

चूंकि टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्य की सत्ताधारी पार्टी द्वारा की जाती है, इसलिए पिछली संस्था स्वतः ही भंग हो गई थी, क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के हाथों से सत्ता तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के हाथों में चली गई थी.

तिरुमाला मंदिर के लड्डू प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में कथित मिलावट को लेकर विवाद के तुरंत बाद नई संस्था की नियुक्ति की गई.

मुख्यमंत्री नायडू ने 18 सितंबर को दावा किया कि जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, तब लड्डू प्रसादम बनाने के लिए पशु वसा से मिलाए गए घी का इस्तेमाल किया जाता था. इससे देश भर के भक्तों में आक्रोश फैल गया.

आरोपों के बाद, टीटीडी ने मंदिर परिसर में शुद्धिकरण अनुष्ठान किया.

हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने आरोपों को खारिज कर दिया और नायडू पर मंदिर की पवित्रता को धूमिल करने का आरोप लगाया.

राज्य सरकार ने आरोपों की जांच के लिए 25 सितंबर को पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की सीबीआई की निगरानी में जांच का आदेश दिया.

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