पटना, 30 जून . बिहार की राजधानी पटना में वक्फ कानून के खिलाफ रविवार को आयोजित एक जनसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो वक्फ कानून को “कूड़ेदान में फेंक देंगे”. उनके इस बयान पर राजनीति तेज हो गई है. भाजपा नेता सुशील कुमार सिंह ने सोमवार को तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए इसे मुसलमानों को गुमराह करने वाला बताया.
सुशील कुमार सिंह ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि राजद का यह एजेंडा रहा है. वे केवल सांप्रदायिक लहजे में बात करते हैं और स्वाभाविक रूप से शरिया कानून की बात करेंगे. उनके लिए हिंदू मायने नहीं रखते – उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता मुसलमान हैं. अफसोस की बात है कि उन्होंने नए वक्फ कानून का अध्ययन भी नहीं किया है. अगर उन्होंने ऐसा किया होता, तो उन्हें पता चलता कि यह मुसलमानों के लिए वास्तव में कितना फायदेमंद है. पसमांदा समाज से आने वाले 85 प्रतिशत मुसलमानों के पक्ष में यह कानून है. राजद इसी बात से परेशान है कि इस कानून से मुसलमानों का कैसा भला हो रहा है.
उन्होंने कहा कि राजद के लोग वक्फ कानून के मुद्दे पर मुसलमान भाइयों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, एक चीज साफ है कि मुसलमान अगर वक्फ कानून का अध्ययन कर लेंगे तो राजद के छलावे में नहीं आएंगे और वक्फ कानून का समर्थन करेंगे. राजद इसीलिए वक्फ कानून के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहा है, जिससे मुसलमान गुमराह हो और इस वक्फ कानून को न समझ पाएं.
भाजपा नेता ने कहा, “मैं राजद से पूछना चाहता हूं कि हिन्दू के विरोध में बात करना और हमेशा मुसलमानों का पक्ष लेना क्या यही समाजवाद है. ‘इंडी’ गठबंधन के नेता भाजपा पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हैं. लेकिन, असल में वे सांप्रदायिक हैं. गठबंधन के नेता समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं. आपस में हिन्दू-मुसलमानों को लड़ाने का काम कर रहे हैं. मैं फिर एक बार कह रहा हूं कि मुसलमानों को इस वक्फ कानून के बारे में पढ़ना चाहिए. मुझे विश्वास है कि वह कानून को जब एक बार पढ़ लेंगे तो इसके पक्ष में आएंगे.”
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डीकेएम/एकेजे